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लाइफ स्टाइल

पीएफडीसी में पाकिस्तान के शिल्प, डिजाइन और फैशन का संगम

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लाहौर | पाकिस्तान फैशन डिजाइन काउंसिल (पीएफडीसी) सनसिल्क फैशन वीक 2015 में आधुनिकता के साथ पाकिस्तान की समृद्ध कला और शिल्प प्रौद्योगिकी की झलक पेश की गई। देश के पहले ‘डिजाइनर डिस्ट्रिक्ट’ के साथ डिजाइनरों ने बॉल्ड डिजाइनर के साथ देश की शिल्पकला, फैशन, टेक्सटाइल को पेश किया। चार दिन तक चले इस फैशन कार्यक्रम में आठ हाई-स्ट्रीट ब्रांड, 16 लग्जरी/प्रेट डिजाइनर, छह कपड़ा ब्रांड और चार उभरते डिजाइनरों ने अपने संग्रह पेश किए।

यह आयोजन प्रस्तुति के लिहाज से भी अद्भुत था, क्योंकि यहां तीन अलग डिजाइन स्वरूपों को समर्पित तीन अलग मंच बनाए गए थे। आयोजन के पहले दिन लग्जरी/प्रेट डिजाइनर, दूसरे और चौथे दिन हाई-स्ट्रीट ब्रांड और फिर लग्जरी शो रखे गए थे। आयोजन के तीसरे दिन टेक्सटाइल घरानों के संग्रहों में पाकिस्तानी कपड़ा उद्योग और हाई-स्ट्रीट फैशन को दिखाया गया। पीएफडीसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) साद अली ने कहा कि प्रत्येक वर्ष हमारा उद्देश्य शो की संरचना में सुधार करना होता है। हाई-स्ट्रीट, टेक्सटाइल और मुख्यधारा/उभरते लग्जरी/प्रेट डिजाइनरों के साथ फैशन के लिए बेहतर मंच मुहैया कराने की होती है। अली ने आईएएनएस को बताया, “पिछले कुछ सालों में हमने ऊपर बताई गई सभी श्रेणियों के लिए एक पूरी श्रृंखला पेश की है। इस साल हमने एक कदम आगे बढ़ाकर फैब्रिक और लग्जरी प्रेट में श्रृंखलाएं पेश की हैं।”

इस फैशन शो में शामिल डिजाइनरों में फहाद हुसैन, एचएसवाई, हुमा और अमीर अदनान, मिशा लखानी, निदा अजवर, नताशा कमाल, सैयदा अमीरास हसन रियाज, बीचट्री, शिरीन हसन और गुल अहमद है। पारंपरिक परिधानों में भारी कढ़ाई के साथ सलवार, शरारा और घाघरा शामिल रहे। इसके साथ ही बोल्ड कट के परिदानों भी शामिल किया गया था। उदाहरण के लिए, ऑफ शोल्डर गाउन, छोटी पोशाके, क्रॉप टॉप और जांघ तक स्लिट परिधान। इस तरह की बोल्ड परिधान पाकिस्तान में देखने पर हैरानी होती है। इस पर अली ने कहा, “हां, स्टूडियो 8 से हमारे पास खरीदार हैं। पीएफडीसी के प्रतिनिधि और अन्य भी इसमें शामिल हैं। हम यहां 20 डिजाइनरों को शामिल कर रहे हैं।” अली ने बताया कि पाकिस्तान के डिजाइन के लिए भारत एक बड़ा बाजार है और पाकिस्तानी टीवी कार्यक्रमों की वजह से इस रुझान को बढ़ावा मिला है। पीएसएफडब्लू 2015 के अंतिम दिन पीएफडीसी की अध्यक्ष सहीर सैगल ने कहा कि फैशन कारोबार को बढ़ाने के लिए डिजाइन डिस्ट्रिक्ट एक बड़ी भूमिका निभा रहा है।

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साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान  

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नई दिल्ली। हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी एक ऐसी समस्या है, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती है इसीलिए इसे एक साइलेंट किलर कहा जाता है। ये बीमारी शरीर पर कुछ संकेत देती है, जिसे अगर नजरअंदाज किया गया, तो स्थिति हाथ से निकल भी सकती है।

हालांकि, पिछले कुछ सालों में कोलेस्ट्रॉल को लेकर लोगों के बीच जागरुकता बढ़ी है और सावधानियां भी बरती जाने लगी हैं। ऐसा नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए पूरी तरह से नुकसानदायक है। अगर यह सही मात्रा में हो, तो शरीर को फंक्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चलिए जानते हैं इसी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो क्या होगा?

जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 mg/dL से अधिक हो जाती है, तो इसे हाई कोलेस्ट्रॉल की श्रेणी में गिना जाता है और डॉक्टर इसे कंट्रोल करने के लिए डाइट से लेकर जीवन शैली तक में कई बदलाव करने की सलाह देते हैं। अगर लंबे समय तक खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बनी रहे, तो यह हार्ट डिजीज और हार्ट स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल को “साइलेंट किलर” क्यों कहते हैं?

हाई कोलेस्ट्रॉल को साइलेंट किलर इसलिए कहते हैं क्योंकि व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका काफी खतरनाक असर पड़ता है, जिसकी पहचान काफी देर से होती है। इसके शुरुआती लक्षण बहुत छोटे और हल्के होते हैं, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर जाते हैं और यहीं से यह बढ़ना शुरू हो जाते हैं। आखिर में इसकी पहचान तब होती है जब शरीर में इसके उलटे परिणाम नजर आने लगते हैं या फिर कोई डैमेज होने लगता है।

शरीर पर दिखने वाले कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों को कैसे पहचानें?

हाई कोलेस्ट्रॉल के दौरान पैरों में कुछ महत्वपूर्ण लक्षण नजर आने लगते हैं, जिसे क्लाउडिकेशन कहते हैं। इस दौरान पैरों की मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और थकान महसूस होता है। ऐसा अक्सर कुछ दूर चलने के बाद होता है और आराम करने के साथ ही ठीक हो जाता है।

क्लाउडिकेशन का दर्द ज्यादातर पिंडिलियों, जांघों, कूल्हे और पैरों में महसूस होता है। वहीं समय के साथ यह दर्द गंभीर होता चला जाता है। इसके अलावा पैरों का ठंडा पड़ना भी इसके लक्षणों में से एक है।

गर्मी के मौसम में जब तापमान काफी ज्यादा हो, ऐसे समय में ठंड लगना एक संकेत है कि व्यक्ति पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से जूझ रहा है। ऐसा भी हो सकता है कि यह स्थिति शुरुआत में परेशान न करे, लेकिन अगर लंबे समय तक यह स्थिती बनी रहती है तो इलाज में देरी न करें और समय रहते डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं।

हाई कोलेस्ट्रॉल के अन्य लक्षणों में से एक पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बदलाव आना भी शामिल है। इस दौरान ब्लड वेसेल्स में प्लाक जमा होने लगते हैं, जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।

ऐसे में जब शरीर के कुछ हिस्सों में कम मात्रा में खून का दौड़ा होता है, तो वहां कि त्वचा की रंगत और बनावट के अलावा शरीर के उस हिस्से का फंक्शन भी प्रभावित होता है।

इसलिए, अगर आपको अपने पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बिना कारण कोई बदलाव नजर आए, तो हाई कोलेस्ट्रॉल इसका कारण हो सकता है।

डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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