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पीएमओ ने भ्रष्टाचार से जंग में साथ नहीं दिया : संजीव चतुर्वेदी

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नई दिल्ली| रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संजीव चतुर्वेदी ने बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) पर आरोप लगाया कि उसने हरियाणा तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उनके भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में उनका साथ नहीं दिया। मैग्सेसे फाउंडेशन ने बुधवार को चतुर्वेदी तथा सामाजिक कार्यकर्ता अंशु गुप्ता को साल 2015 का मैग्सेसे अवॉर्ड दिए जाने की घोषणा की। इसके बाद चतुर्वेदी ने टेलीविजन चैनल एनडीटीवी से कहा, “पीएमओ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में साथ नहीं दिया।”एम्स के सतर्कता अधिकारी रह चुके चतुर्वेदी ने कहा, “असहिष्णु रवैया भ्रष्टाचार के खिलाफ होना चाहिए, न कि ईमानदार अधिकारियों के खिलाफ।”

उन्होंने कहा, “जब मैं हरियाणा व एम्स में भ्रष्टाचार से जंग लड़ रहा था, तो मेरे खिलाफ तरह-तरह की झूठी बातें फैलाई गईं।”चतुर्वेदी ने कहा, “मेरी गलती यह थी कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग के दौरान मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ के नारे को उसी रूप में ले लिया, जिस रूप में यह प्रतिध्वनित होता है।”

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ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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