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पीएम मोदी करेंगे देश को संबोधित, खुल सकता है घोषणाओं का नया पिटारा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नववर्ष की पूर्व संध्या पर 31 दिसम्बर को राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं। सूत्रों ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नव वर्ष की पूर्व संध्या पर संबोधित करने की उम्मीद है। यह संबोधन 31 दिसम्बर को शाम 7.30 बजे हो सकता है।”पीएम मोदी अपने इस संबोधन में काले धन के खिलाफ लड़ाई और नोटबंदी से जुड़ी कुछ नई घोषणाएं कर सकते हैं.
मोदी ने पिछली बार आठ नवंबर को राष्ट्र को संबोधित किया था। उन्होंने तब 500 और 1000 रुपये के नोटों को उसी दिन मध्यरात्रि से अमान्य घोषित कर दिया था। प्रधानमंत्री एक बार फिर नोटबंदी पर बोल सकते हैं, क्योंकि हालात को सामान्य बनाने के लिए उन्होंने जो 50 दिनों का समय मांगा था, उसकी अवधि 30 दिसम्बर को समाप्त हो रही है।
मोदी ने नोटबंदी की घोषणा के बाद कहा था, “50 दिनों के लिए मुझे सहयोग दीजिए। मैं आपको वह भारत दूंगा, जिसके आप हकदार हैं।” विपक्षी दलों ने सरकार पर नोटबंदी के फैसले के क्रियान्वयन को लेकर हमला बोला है। इस फैसले का कुछ दलों ने पूर्ण रूप से विरोध किया है।
नोटबंदी के फैसले को लेकर 16 नवम्बर से 16 दिसम्बर तक का शीत सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष ने इस मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा के साथ मतदान कराने की मांग की। साथ ही राज्य सभा में प्रधानमंत्री के मौजूदगी में चर्चा की मांग की गई। नोटबंदी पर चर्चा राज्यसभा में हुई लेकिन इससे कोई निष्कर्ष निकाला नहीं जा सका। वहीं लोकसभा में नियम 193 के तहत सिर्फ ए.पी. जितेंद्रर रेड्डी का एक बयान सदन पटल पर लाया गया। नियम 193 एक कम अवधि की चर्चा के लिए निर्धारित है।
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के साथ दूसरी विपक्षी पार्टियों के हंगामे के बीच रेड्डी को लोकसभा में बोलने की अनुमति नहीं मिली। प्रधानमंत्री ने नोटबंदी पर संसद में नहीं बोला। लेकिन उन्होंने एक दर्जन से ज्यादा रैलियों में नोटबंदी के फायदे पर बातचीत की और देश को कालेधन से छुटकारा दिलाने के वायदा किया।
इस बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने सरकार के नोटबंदी के फैसले का विरोध करने के लिए सार्वजनिक सभाएं की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में 25 दिसम्बर को नोटबंदी पर विस्तृत बात की और नकद रहित लेनदेन को प्रोत्साहित किया।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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