अन्तर्राष्ट्रीय
पुइडेमोंट मामले में संवैधानिक अदालत में अपील करेगी स्पेन सरकार
मैड्रिड, 27 जनवरी (आईएएनएस)| स्पेन की उपप्रधानमंत्री सोराया सैंज दे सैंतामारिया ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार कार्ल्स पुइडेमोंट को कैटलान क्षेत्र के नेता के रूप में नियुक्त होने देने से रोकने के लिए देश की संवैधानिक अदालत में अपील करेगी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, पुइडेमोंट को अक्टूबर 2017 के अंत में कैटलान स्वतंत्रता जनमतसंग्रह और क्षेत्र की आजादी की एकतरफा घोषणा के मद्देनजर कैटलान क्षेत्र के असेंबली नेता के पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
पुइडेमोंट फिलहाल बेल्जियम में हैं और उन पर विद्रोह, राजद्रोह, धन का दुरुपयोग और अवज्ञा करने का आरोप है और अगर वह स्पेन लौटते हैं तो उन्हें इन आरोपों का सामना करना पड़ेगा।
यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उनकी नियुक्ति वीडियो लिंक द्वारा या जेल में होगी।
सैंज दे सैंतामारिया के हवाले से कहा गया है, हम पुइडेमोंट की उम्मीदवारी से संबंधित प्रगति को रोकने और अपूरणीय क्षति को रोकने के लिए संवैधानिक अदालत का सहारा लेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे पास कानूनी रूप से संभवत: सब कुछ करने के लिए संवैधानिक कर्तव्य है। हम उस शख्स को रोकने के लिए, जो इंसाफ से भागता फिर रहा है, सभी कानूनी साधनों का सहारा लेंगे।
अगर संवैधानिक न्यायालय सरकार की अपील को स्वीकार कर लेता है तो यह अस्थायी रूप से मंगलवार को होने वाले नियुक्ति सत्र को रोक देगा।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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