ऑफ़बीट
पुण्यतिथि विशेष: बचपन का ये जगमोहन कैसे बना गजल की दुनिया का सम्राट ‘जगजीत सिंह’
नई दिल्ली। बॉलीवुड से लेकर देश-दुनिया तक जगजीत सिंह को एक ऐसी शख्सियत के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने अपनी गजल गायकी से आज तक श्रोताओं के दिलोंदिमाग पर अपनी अमिट छाप छोड़े रखी। 08 फरवरी 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्में जगजीत सिंह के बचपन का नाम जगमोहन था लेकिन पिता के कहने पर उन्होंने अपना नाम जगजीत सिंह रख लिया था।
बचपन के दिनों से ही जगजीत सिंह को पढ़ाई-लिखाई से कहीं ज्यादा संगीत के प्रति रूचि रहा करती थी। उन्होंने संगीत की शिक्षा उस्ताद जमाल खान और पंडित छगनलाल शर्मा से हासिल की।
वर्ष 1965 में पार्श्वगायक बनने की तमन्ना लिए जगजीत सिंह मुंबई आ गए। शुरुआती दौर में जगजीत सिंह को विज्ञापन फिल्मों के लिये जगल गाने का अवसर मिला। इस दौरान उनकी मुलाकात पार्श्वगायिका चित्रा से हुई। वर्ष 1969 में जगजीत सिंह ने चित्रा से शादी कर ली।
इसके बाद जगजीत-चित्रा की जोड़ी ने कई अलबमों में अपने जादुई पार्श्वगायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। जगजीत सिंह ने प्राइवेट अलबम में पार्श्वगायन करने के अलावा कई फिल्मों में भी अपनी मधुर आवाज से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया है। वर्ष 2003 में जगजीत सिंह को भारत सरकार की ओर से पदम भूषण से सम्मानित किया गया।
इस हादसे के बाद खामोश हो गए थे जगजीत सिंह-
चित्रा सिंह और जगजीत सिंह की मुलाकात एक रेडियो एड की रिकॉर्डिंग के दौरान हुई थी। हालांकि जगजीत सिंह की भारी आवाज की वजह से ने चित्रा ने पहले तो उनके साथ गाने से ही मना कर दिया था। इस तरह दोस्ती हुई और फिर यह दोस्ती जीवन भर के संबंध में तब्दील हो गई। लेकिन 1990 में एक ट्रेजडी ने दोनों को एकदम खामोश कर दिया।
जगजीत और चित्रा के बेटे विवेक का कार हादसे में निधन हो गया। इस वजह से जगजीत सिंह छह महीने तक एकदम खामोश हो गए जबकि चित्रा सिंह इस हादसे से कभी उबर नहीं पाईं और उन्होंने गायकी छोड़ दी। लेकिन जगजीत ने कुछ समय बाद खुद को संभाला और इस हादसे के बाद गाई गईं उनकी गजलों में बेटे को खो देने का दर्द साफ झलकता था।
ये मशहूर गजलें आज भी उनकी यादों को ताजा करती है-
होंठों से छू लो तुम, कोई फ़रियाद, चिट्ठी न कोई संदेश, तुम जो इतना मुसकुरा रहे हो इत्यादि गजलें आज भी उनकी यादों को लोगों व गजल और गायकी की दुनिया में उन्हे पुन:जीवित सा कर देती है।
ऑफ़बीट
मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश
शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।
क्या है पूरा मामला?
एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।
परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।
जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।
-
लाइफ स्टाइल23 hours ago
सुबह डल नजर आता है चेहरा, तो अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय
-
आध्यात्म18 mins ago
नौकरी में चाहिए प्रमोशन तो अपनाएं ज्योतिष के ये उपाय
-
खेल-कूद37 mins ago
विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना
-
नेशनल6 hours ago
दिल्ली में सांस लेना हुआ मुश्किल, कई इलाकों में AQI 4OO पार
-
उत्तर प्रदेश1 day ago
दिवाली के दिन यूपी के इस जिले में 25 करोड़ की शराब पी गए लोग
-
खेल-कूद6 hours ago
HAPPY BIRTHDAY KING KOHLI : भारतीय क्रिकेट टीम के किंग विराट कोहली आज मना रहे हैं अपना 36वां जन्मदिन
-
खेल-कूद4 hours ago
फुटबॉल खेलते वक्त मैदान पर गिरी बिजली, एक प्लेयर की मौत, वीडियो वायरल
-
नेशनल6 hours ago
लोक गायिका शारदा सिन्हा की तबियत बिगड़ी, एम्स में भर्ती, पीएम मोदी ने फोन कर ली जानकारी