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बिजनेस

पेटीएम का पेमेंट बैंक शुरू, 3 साल में 50 करोड़ ग्राहक जुटाने का लक्ष्य

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नई दिल्ली, 23 मई (आईएएनएस)| फिनटेक कंपनी पेटीएम ने मंगलवार को अपने पेमेंट बैंक की शुरुआत की और पहली बार किसी बैंक द्वारा पैसे जमा करने पर कैशबैक देने के ऑफर की शुरुआत की। बैंक का कहना है कि उसका इरादा साल 2020 तक 50 करोड़ ग्राहक जुटाने का है। कंपनी ने यहां एक बयान में कहा कि ग्राहकों को सभी ऑनलाइन ट्रांजैक्सन पर शून्य शुल्क देना होगा, साथ खाता चालू रखने के लिए किसी न्यूनतम बैलेंस रखने की भी जरूरत नहीं है।

इसमें कहा गया, एकाउंट का डिजाइन देश के वित्तीय समावेशन को ध्यान में रखकर बनाया गया है। पेटीएम का लक्ष्य आधे अरब भारतीयों को मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था में शामिल करना है।

इसमें कहा गया कि कंपनी का लक्ष्य लोगों के अपनी नकदी को डिजिटल पारिस्थितिक तंत्र में ले जाने के लिए प्रेरित करना है।

पेटीएम पेमेंट बैंक खाते फिलहाल इंवाइट के आधार पर ही उपलब्ध हैं।

पहले चरण में कंपनी ने बीटा बैंकिंग एप जारी किया है जो उसके कर्मचारियों और सहयोगियों को मुहैया कराया गया है। पेटीएम के उपभोक्ता डब्ल्यू़डब्ल्यूडब्ल्यू डॉट पेटीएमपेमेंटबैंक डॉट कॉम या पेटीएम के आईओएस एप पर जाकर इन्वाइट हासिल कर सकते हैं।

कंपनी देशभर में केवाईसी केंद्र की स्थापना कर रही है, ताकि ग्राहकों के पेमेंट बैंक में खाता खोलने के योग्य बनाया जा सके।

पेटीएम पेमेंट बैंक में खाता खोलने पर 25,000 रुपये जमा करने पर 250 रुपये का कैशबेक मिलेगा।

इन खातों के लिए न्यूनतम बैंलेस रखने की कोई जरुरत नहीं होगी तथा आईएमपीएस, एनईएफटी, आरटीजीएस, इमरजेंसी फंड ट्रांसफर जैसे सभी ऑनलाइन ट्रांसफर पूरी तरह से मुफ्त होंगे।

वहीं, बचत खातों पर कंपनी 4 फीसदी सालाना की दर से ब्याज देगी। साथ ही पेटीएम अपने लाखों व्यापारियों को चालू खाता खोलने की सुविधा भी दे रही है।

पेटीएम पेमेंट बैंक के अध्यक्ष विजय शेखर शर्मा ने बताया, आरबीआई ने हमें यह अवसर दिया है कि हम दुनिया में नई तरह के बैंकिंग मॉडल का सृजन कर सकें। हमें गर्व है कि हमारे ग्राहक जो पैसा हमारे पास जमा करेंगे, हम उन्हें सुरक्षित रूप से सरकारी बांड में निवेश करेंगे और वह रकम राष्ट्र निर्माण में काम आएगी। हमारे यहां जमा किसी भी रकम को जोखिम वाली संपत्तियों में निवेश नहीं किया जाएगा।

पेटीएम पेमेंट बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रेनु सत्ती ने बताया, हमारा लक्ष्य भारत का सबसे भरोसेमंद और तकनीक का लाभ उठाते हुए ग्राहक-हितैषी बैंक बनने का है।

इसमें कहा गया, वर्तमान में जितने भी पेटीएम वॉलेट खाते हैं, सभी को पेटीएम पेमेंट बैंक के खातों में बदल दिया जाएगा।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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