बिजनेस
पेट्रोल, डीजल के दाम करों के कारण बढ़े, कटौती की दरकार : एसोचैम
नई दिल्ली, 17 सितम्बर (आईएएनएस)| देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 3 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, जिससे उपभोक्ता चिंतित हैं।
उनका मानना है जब इन उत्पादों पर लगने वाले करों में बार-बार फेरबदल किया जा रहा हो तो बाजार आधारित कीमतों की अवधारणा का कोई मतलब नहीं है। जब कच्चे तेल के दाम लगातार गिर रहे हैं तो देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रही है, जबकि 2014 के मई में कच्चे तेल की कीमत 107 डॉलर प्रति बैरल थी, उस वक्त अभी से सस्ता पेट्रोल मिल रहा था।
यह सच है कि पिछले तीन महीनों में कच्चे तेल की कीमतें 45.60 रुपये प्रति बैरल से लेकर अभी तक 18 फीसदी बढ़ी है, जिसका नतीजा है कि दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 65.40 रुपये से बढ़कर 70.39 रुपये तक पहुंच गई है।
यह बढ़ोतरी कच्चे तेल के दाम में बढ़ोतरी की तुलना में कम है। लेकिन साल 2014 के मई में कच्चे तेल की कीमत 107 रुपये प्रति बैरल पहुंच जाने के बाद भी दिल्ली में 1 जून 2014 को पेट्रोल की कीमत 71.51 रुपये प्रति लीटर थी और ग्राहक यह तुलना कर रहे हैं।
एसोचैम के नोट में कहा गया, जब कच्चे तेल की कीमत 107 डॉलर प्रति बैरल थी, तो देश में यह 71.51 रुपये लीटर बिक रही थी। अब जब यह घटकर 53.88 डॉलर प्रति बैरल आ गई है तो उपभोक्ता तो यह पूछेंगे ही कि अगर बाजार से कीमतें निर्धारित होती है तो इसे 40 रुपये लीटर बिकना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि हालांकि कीमतों को बाजार पर छोड़ा गया है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लिए जानेवाले उत्पाद कर और बिक्री कर या वैट में तेज बढ़ोतरी के कारण सुधार का कोई मतलब नहीं रह गया है।
एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा, उपभोक्ताओं की कोई गलती नहीं है। क्योंकि सुधार एकतरफा नहीं हो सकता। अगर कच्चे तेल के दाम गिरते हैं तो उसका लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाना चाहिए।
चेंबर ने कहा कि हालांकि यह सच है कि सरकार को अवरंचना और कल्याण योजनाओं के लिए संसाधनों की जरुरत होती है, लेकिन केंद्र और राज्यों की पेट्रोल और डीजल पर जरुरत से ज्यादा निर्भरता आर्थिक विकास को प्रभावित करती है।
चेंबर ने कहा, इसका असर आर्थिक आंकड़ों पर दिख रहा है। साल-दर-साल आधार पर अगस्त में मुद्रास्फीति की दर क्रमश: 24 फीसदी और 20 फीसदी थी। इससे ऐसे समय में जब उद्योग को निवेश के लिए कम महंगे वित्तपोषण की जरुरत है, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों को घटाने की संभावनाओं पर असर पड़ता है।
ऑटोमोबाइल
मारुति सुजुकी ने लॉन्च की नई 4th-जनरेशन मारुति सुजुकी डिजायर, शुरुआती कीमत ₹6.79 लाख
नई दिल्ली। मारुति सुजुकी ने भारत में अपनी नई 4th-जनरेशन मारुति सुजुकी डिजायर को सोमवार (11 नवंबर) को लॉन्च किया। कंपनी ने इसकी शुरुआती कीमत ₹6.79 लाख (एक्स-शोरूम, दिल्ली) रखी है। इस मॉडल को 5-स्टार GNCAP क्रैश टेस्ट रेटिंग मिली है और यह सेगमेंट में सर्वश्रेष्ठ माइलेज का दावा करती है। डिजायर, भारत की सबसे लोकप्रिय सब-4 मीटर कॉम्पैक्ट सेडान रही है, जिसकी अब तक 27 लाख से अधिक यूनिट्स बिक चुकी हैं।
माइलेज मिलेगा शानदार
मारुति सुजुकी ने नई स्टैंडर्ड डिजायर के लिए 24.79 किमी प्रति लीटर, ऑटोमैटिक डिजायर के लिए 25.71 किमी प्रति लीटर और सीएनजी वैरिएंट के लिए 33.73 किमी प्रति किलो की माइलेज का दावा किया है।
सेफ्टी का है खास इंतजाम
ग्लोबल एनसीएपी के क्रैश टेस्ट में मारुति सुजुकी की नई डिजायर को एडल्ट पैसेंजर की सुरक्षा के लिए 5 स्टार रेटिंग और चाइल्ड पैसेंजर की सुरक्षा के लिए 4 स्टार मिले हैं। एमएसआई के पास वर्तमान में कुल घरेलू यात्री वाहन खंड में 40 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी (थोक) है। खुदरा बिक्री के मामले में कंपनी ने अक्टूबर में 2.02 लाख इकाइयों के साथ अपना अब तक का सर्वोच्च प्रदर्शन दर्ज किया। सेडान खंड में इसकी बाजार हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है।
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