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प्रादेशिक

पैसा फेंको आवासीय भूखंड पर बनाओ व्यावसायिक काम्प्लेक्स

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व्यावसायिक काम्पलेक्स, लखनऊ विकास प्राधिकरण, कानपुर रोड़ योजना, एलडीए एवं आशियाना कालोनी

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व्यावसायिक काम्पलेक्स, लखनऊ विकास प्राधिकरण, कानपुर रोड़ योजना, एलडीए एवं आशियाना कालोनी

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प्राधिकरण की कानपुर रोड योजना पर धड़ल्ले से हो रहे अवैध निर्माण

राकेश यादव

लखनऊ। मकान तोड़ कर व्यावसायिक काम्पलेक्स बनाने का काम लखनऊ विकास प्राधिकरण की कानपुर रोड़ योजना की एलडीए एवं आशियाना कालोनी के विभिन्न सेक्टरों मे धडल्ले से चल  रहा है। एलडीए का प्रर्वतन दल इन अवैध निर्माणों को रोकने के वजाय भूखण्ड स्वामियों से उगाही करने मे जुटा है। एलडीए के अधिकारियों की धन उगाही के चलते एलडीए सेक्टर एच का आवासीय इलाका व्यावसायिक क्षेत्र में विकासित हो गया है। एलडीए के अधिकारियों ने अवैध निर्माणों के लिये बकायदा दाम निर्धारित कर दिया है। बेलगाम एलडीए अधिकारी अब ये कहने से भी नही चूकते कि निर्माण तो होगा ही आप क्या करोगे ट्रांस्फर ही तो करा दोगे। यही वजह है कि पिछले कई कर्मचारी पिछले काफी समय से यहीं पर जमे हुए हैं।

एलडीए अवर अभियंताओं वसूल रहे प्रति माले 50 से 60 हजार रुपये

प्राधिकरण की कानपुर योजना के तहत विकसित की गई आशियाना कालोनी के पावर हाउस चौराहे से लेकर खजाना मार्केट तक के लगभग प्रत्येक आवासीय भूखण्ड पर व्यावसायिक काम्पलेक्स एवं दुकानों का निर्माण करा दिया गया है। जिन भूखण्डों पर आवास बने हुये है। उनके आस पास दुकान, शापिंग काम्पलेक्स बन जाने से अब वो भी अपने आवास तोड कर दुकान व व्यावसायिक काम्पलेक्स बनवाने मे जुट गये है। एलडीए अधिकारी इन अनाधिकृत निर्माणों को रूकवाने के वजाय मोटी रकम लेकर सहयोग देने मे जुटे हुये है। एलडीए अधिकारियों ने धन उगाही की वजह से खजाना मार्केट से आशियाना चैराहे के बीच आवासीय भूखण्डों पिज्जा हट सरीके कई प्रतिष्ठित प्रतिष्ठानों के शोरूम खुल गयें है।

और पढ़ेंः आवासीय भूखण्डों पर धडल्ले से हो रहा व्यावसायिक निर्माण

इसके अलावा आशियाना चौराहे पर तो चारों ओर आवासीय भूखण्डों ने बाजार का स्वरूप ले लिया है। एलडीए अधिकारियों की अवैध वसूली की वजह से अशियाना कालोनी के सेक्टर-के का एक नम्बर मकान ढूढने से नही मिल रहा है। वजह यह है कि इस आवासीय भूखण्ड पर व्यावसायिक काम्पलेक्स का निर्माण करा दिया गया है। यह तो बानगी भर है। इस क्षेत्र के मुख्य मार्गों पर हर एक मकान के बाद दुकान या व्यावसायिक काम्पलेक्स का निर्माण होता जा रहा है इससे आवासों मे रहने वालों को काफी दिक्कते झेलनी पड रही है। एलडीए अधिकारियों ने बेसमेंट से लेकर प्रति माले के लिये बकायदा दाम निर्धारित कर रखें है।

सू़त्रों का कहना है कि एलडीए के अभियंता प्रति माले की छत के लिए 50 से 60 हजार रुपये तक वसूल कर रहे हैं इस बाबत जब कानपुर योजना के अधिशासी अभियन्ता डीके वर्मा से सम्पर्क किया गया तो उन्होने बताया कि अवैध निर्माण रोकने की जिम्मेदारी प्रवर्तन दल के अधिकारियों की होती है। इसके लिए वह उनसे ही सम्पर्क करें। प्रवर्तन दल के अधिशासी अभियंता एके सिंह का कहना है कि वह ऐसे निर्माण को चिन्हित कराकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराते है। बाकि जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस की होती है। उधर एलडीए उपाध्यक्ष सतेन्द्र कुमार सिंह ने तो फोन उठाना ही मुनासिब नही समझा।

 

 

 

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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