मुख्य समाचार
पोखरण में अभ्यास के दौरान मेजर की मौत, कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश
जयपुर। राजस्थान में एक बड़ा हादसा पेश आया है, राजस्थान के पोखरण में चल रहे सैन्यद अभ्या्स के दौरान भारतीय सेना के एक मेजर की मौत हो गई। सेना प्रवक्ता मनीष ओझा ने बताया कि मेजर ध्रुव यादव की पोखरण फायरिंग रेंज में मंगलवार रात प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान मौत हो गई। उन्होंने बताया कि हादसे के कारणों की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दिए गए हैं।
पोखरण में मेजर ध्रुव यादव युद्धाभ्यास के दौरान अर्जुन टैंक पर सबसे आगे चल रहे थे, तभी अचानक मेजर की गर्दन के पिछले हिस्से में स्प्लिंटर जा लगा। कहा जा रहा है कि यह हादसा अर्जुन टैंक का बैरल फटने से हुआ, हालांकि इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
माना जा रहा है कि यह एक बड़ी लापरवाही है। सैन्य सूत्रों ने बताया कि मेजर ध्रुव की पत्नी इन दिनों गर्भवती हैं और जैसलमेर में ही रह रही हैं।
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रिलायंस फाउंडेशन और यूएन इंडिया के सम्मेलन में तटीय आपदाओं पर विशेषज्ञों ने किया मंथन
भुवनेश्वर,| प्राकृतिक आपदाओं के दौरान त्वरित कार्रवाई को मजबूत करने के लिए रिलायंस फाउंडेशन और संयुक्त राष्ट्र (इंडिया) ने ओडिशा में एक सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन का विषय था ‘प्रारंभिक चेतावनी से त्वरित कार्रवाई – बहु आपदा, बहु हितधारक दृष्टिकोण: तटीय पारिस्थितिक तंत्र से सीख’, जिसमें विशेषज्ञों ने तटीय पारिस्थितिकी तंत्र की बारीकियों पर अपने अनुभव और सुझाव साझा किए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ओडिशा के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री श्री सुरेश पुजारी ने कहा, “हम प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को मजबूत करने के लिए एकजुट होकर काम कर रहे हैं। ओडिशा सरकार विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने का प्रयास कर रही है।”
रिलायंस फाउंडेशन के सीईओ श्री जगन्नाथ कुमार ने कहा, “जलवायु परिवर्तन के चलते बढ़ती आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए सटीक चेतावनी की जरूरत है। हम समुदायों की सुरक्षा के लिए नई चेतावनी प्रणालियों को लागू कर रहे हैं।”
संयुक्त राष्ट्र के भारत में स्थानीय समन्वयक, श्री शोंबी शार्प ने कहा, “रिलायंस फाउंडेशन के साथ साझेदारी में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आज आयोजित की गई बैठक डीआरआर पर बैठकों की श्रृंखला में पहली है। हम सरकार, सिविल सोसायटी और रिलायंस फाउंडेशन जैसे भागीदारों के साथ मिलकर सामुदायिक सुरक्षा को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं।”
सम्मेलन में विशेषज्ञों ने मौजूदा चेतावनी प्रणालियों की प्रभावशीलता और उन्हें और बेहतर बनाने के सुझावों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि त्वरित कार्रवाई के लिए मौसम संबंधी डेटा को सामाजिक-जनसांख्यिकीय जानकारी के साथ जोड़कर एकीकृत चेतावनी प्रणाली बनाई जा सकती है। प्रतिभागियों ने बालासोर और भद्रक जिलों में रिलायंस फाउंडेशन और यूएन इंडिया के कार्यों का अवलोकन भी किया। सम्मेलन का उद्देश्य जीवन और आजीविका की सुरक्षा के लिए बेहतर नीतिगत परिणामों पर कार्य करना है।
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