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प्रधानमंत्री नरेंद्र ‘मौनेंद्र’ क्यों : येचुरी

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लखनऊ। मार्क्सनवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने यहां शनिवार को केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि संसद की कार्यवाही ठप होने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार खुद जिम्मेदार है। आरोपी मंत्रियों के इस्तीफे की मांग पर चुप्पी के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘मौनेंद्र’ कहा। येचुरी ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा दोहरे मापदंड अपना रही है। जब तक आरोपी मंत्रियों का इस्तीफा नहीं होगा, तब तक संसद नहीं चलेगी।

पार्टी संगठन की बैठक में हिस्सा लेने लखनऊ पहुंचे येचुरी ने पत्रकारों से कहा, “संसद की कार्यवाही ठप होने के लिए हमें जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है। इसके लिए केंद्र सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है।” वामपंथी नेता ने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर सरकार दोहरे मापदंड कैसे अपना सकती है। उन्होंने कहा, “भाजपा जब सत्ता में नहीं थी, तब भ्रष्टाचार को लेकर उसका अलग रवैया था और अब सरकार में आने के बाद यह बिल्कुल बदल गई है। बड़े घोटालों को लेकर यूपीए के मंत्रियों का इस्तीफा मांगने वाली भाजपा आज ऐसी ही मांग को ठुकराकर महज चर्चा कराने की बात कर रही है।”

येचुरी नेता ने कहा कि भाजपा चर्चा कराना चाहती है, लेकिन भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ जांच के बजाय महज चर्चा से क्या होगा? उन्होंने कहा, “हमारी स्पष्ट मांग है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सरकार तुरंत इस्तीफा ले और इनसे जुड़े मामलों की जांच करवाए।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए माकपा महासचिव ने कहा, “मनमोहन सिंह की चुप्पी पर सवाल खड़ा करने वाले अब क्यों चुप हैं? अपराधी ललित मोदी को फायदा पहुंचाने वाली सुषमा, वसुंधरा और व्यापम घोटाले से जुड़ी 48 मौतों के कारण शवराज कहलाने वाले शिवराज के इस्तीफे की मांग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र ने ‘मौनेंद्र’ का रूप धारण कर लिया है। बात ज्यादा बिगड़े, इससे पहले उन्हें अपना मौन तोड़ देना चाहिए।”

भूमि अधिग्रहण मुद्दे को लेकर माकपा नेता ने केंद्र सरकार पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि किसानों पर बहुत जुल्म हो रहा है। मनरेगा से मिलने वाले रोजगार में पिछले 2 वर्षो के दौरान 60 फीसदी की कमी आई है। येचुरी ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 1 से 14 अगस्त तक पार्टी पूरे देश में आंदोलन छेड़ेगी। यह आंदोलन काफी बड़े पैमाने पर चलेगा। बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर येचुरी ने कहा कि पार्टी किसी के साथ गठबंधन कर चुनाव नहीं लड़ेगी। पहली कोशिश पार्टी की ताकत में इजाफा करना है। उन्होंने कहा, “गठबंधन कर चुनाव लड़ने से पार्टी की ताकत में इजाफा नहीं होगा। यह सच है कि उत्तर भारत में पार्टी की ताकत घटी है, लेकिन इसे नए सिरे से संगठित किया जाएगा।”

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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