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प्रधानमंत्री ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक लांच किया

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नई दिल्ली, 1 सितम्बर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) लांच किया, जिसका लक्ष्य देश के बैंकविहीन ग्रामीण क्षेत्रों तक बैंकिंग सेवाओं को पहुंचाकर वित्तीय समावेशन को मजबूती प्रदान करना है।

पेमेंट्स बैंक फिलहाल 650 डाकघरों और 3,250 एक्सेस प्वाइंट्स पर चालू और बचत खाते की सेवा मुहैया कराएगी।

प्रधानमंत्री ने आईपीपीबी को लांच करते हुए कहा, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक वित्तीय समावेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा, जो साल 2014 में जन धन योजना के लांच करने से शुरू हुआ था।

संचार मंत्रालय के मुताबिक, इस साल के अंत तक आईपीपीबी के एक्सेस प्वाइंट्स की संख्या बढ़कर 1.55 लाख हो जाएगी, जिनमें से 1.30 लाख शाखाएं ग्रामीण क्षेत्रों में होगी।

मोदी ने कहा, भारतीय डाक विभाग के पास 1.5 लाख डाकखाने और 3 लाख से अधिक डाकिया हैं। हमने इस तरह के एक व्यापक प्रणाली को जोड़ने के भारी काम को करने के लिए तकनीक का सहारा लिया है। अब डाकिया एक स्मार्टफोन से लैस है और उसके बैग में एक डिजिटल डिवाइस है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत आनेवाले किसान और मजदूर इसके प्रमुख लाभार्थियों में से एक होंगे, क्योंकि उन्हें उनके दावों का भुगतान पेमेंट्स बैंक से किया जाएगा।

संचार मंत्री मनोज सिन्हा के मुताबिक लोग इस बैंक में अपना खाता आधार कार्ड की मदद से महज एक मिनट में खोल सकते हैं और क्विक रेसपांस कार्ड (क्यूआर) कार्ड की मदद से लेन-देन किया जा सकता है, जो उन्हें बैंक की तरफ से मुहैया कराया जाएगा। उन्हें अब अपना खाता नंबर और पासवर्ड भी याद रखने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि पोस्ट ऑफिस सेविंग्स बैंक के खाता धारकों को भी आईपीपीबी की सेवाएं उन्हें अपने खातों को लिंक करके मिलेगी।

हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पेमेंट्स बैंक को कर्ज और बीमा की सेवाएं शुरू करने की अनुमति नहीं दी गई है। ऐसे में आईपीपीबी ने पंजाब नेशनल बैंक के साथ अपने खाताधारकों को कर्ज मुहैया कराने के लिए समझौता किया है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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