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बिजनेस

प्रसून शर्मा को फिक्की का ई-कैफे पुरस्कार

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पुणे, 17 दिसंबर (आईएएनएस)| एंटरप्रिन्योर कैफे के तीसरे सालाना वैश्विक सम्मेलन में इंडिया ग्लोबल सेंटर फॉर चाइना स्टडीज (आईजीसीसीएस) के संस्थापक प्रसून शर्मा को भारत-चीन सहोयग में शानदार और बेहतरीन योगदान के लिए फिक्की का ई-कैफे पुरस्कार प्रदान किया गया।

प्रसून शर्मा ने भारत के लिए दो सालों में करीब 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश जुटाया है। पुणे के लोनी की एमआईटी एडीवी यूनिवर्सिटी में यह पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया।

आंध्र प्रदेश में भारत-चीन के संयुक्त इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए इंडिया ग्लोबल सेंटर फॉर चाइना स्टडीज (आईजीसीसीएस) के संस्थापक प्रसून शर्मा को यह पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्होंने विज्ञान और तकनीकी राज्य मंत्रालय समेत विभिन्न भागीदारों को दोनों देशों, भारत और चीन के बीच सहयोग के लिए सफलतापूर्वक आश्वस्त किया।

इस अवसर पर प्रसून शर्मा ने कहा, हम आने वाले दिनों में भारत चीन का इनोवेशन सेंटर खोलने की योजना बना रहे हैं। इसके बाद भारत-कोरिया का इनोवेशन सेंटर खोला जाएगा। एमआईटी की मदद से हम निश्चित रूप से इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

प्रसून ने कहा, कुछ महीने पहले चीन में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में बेंगलुरु और शेनजेन को जोड़कर एशिया की सिलिकॉन वैली की स्थापना के हमारे विचार को प्रमुखता से उभारा गया। इसी के साथ भारत के डिजिटल इंडिया और चीन के इंटरनेट प्लस के एक दूसरे के सहयोग से कार्य करने की संभावना पर भी ब्रिक्स सम्मेलन में खासा ध्यान केंद्रित किया गया। भारत का डिजिटल इंडिया और चीन का इंटरनेट प्लस कार्यक्रम दोनों देशों की राष्ट्रीय डिजिटलीकरण नीति के तहत विकसित किया गया है। एशियन सिलिकॉन वैली की स्थापना के विचार को क्रियान्वित करने की दिशा में कदम उठाना भी पुरस्कार मिलने के प्रमुख कारणों में से एक था।

उन्होंने कहा, हम भारत के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, स्वास्थ्य संबंधी स्टार्ट अप और ई-गवर्नेंस डोमेन के लिए 2 सालों में करीब 50 करोड़ डॉलर का निवेश लाए हैं। हमने यह सफलता विभिन्न भारतीय केंद्रीय मंत्रालयों, जिसमें विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय, शहरी विकास, श्रम और रोजगार और ऊर्जा मंत्रालय के करीबी सहयोग से काम करते हुए अर्जित की है। इसके अलावा हमने इस निवेश जुटाने के लिए कई राज्य सरकारों, जिसमें कर्नाटक सरकार, हरियाणा सरकार, गुजरात सरकार, आंध्रप्रदेश सरकार के अलावा चीन के विभिन्न प्रांतों की सरकार, जिसमें शेनजेन, क्वेनहाई और गुआंगडोंग सरकार शामिल हैं, के साथ भी मिलकर काम किया है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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