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प्रियंका के आगमन से बदल सकता है उत्तर प्रदेश का चुनावी गणित!
नई दिल्ली, 23 जनवरी (आईएएनएस)| कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती के साथ गठबंधन कर उत्तर प्रदेश का चुनावी गणित दुरुस्त कर दी है, मगर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गठबंधन से बाहर रहने से ऐसा लग रहा था कि भारतीय जनता पार्टी के लिए अभी भी संभावना बची हुई है।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजों पर मीमांसा अगर मौजूदा हालात में करें तो सपा-बसपा-कांग्रेस के एक साथ मोर्चा खोलने पर भाजपा उत्तर प्रदेश की 80 में से जहां 71 सीटों पर कब्जा जमाई थी, उससे 20 सीट कम पर सिमट सकती है। भाजपा उत्तर प्रदेश में पहले ही फूलपुर और गोरखपुर सीटें उपचुनावों में गंवा चुकी है।
अगर सपा-बसपा से अलग हटकर कांग्रेस चुनाव मैदान में उतरती है और मुकाबला त्रिकोणीय होता है तो भाजपा को 38 सीटें मिल सकती हैं और उसे 33 सीटों का नुकसान हो सकता है।
भाजपा की जिन सीटों पर मजबूत पकड़ है, उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी समेत कैराना, मुजफ्फरनगर, मथुरा, आगरा, लखनऊ, कानपुर, बरेली और देवरिया हैं, जहां विपक्ष के किसी भी प्रकार के गठबंधन के बावजूद भाजपा दोबारा जीत सकती है।
सपा और बसपा के बीच गठबंधन के बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के चुनाव अभियान की प्रभारी के रूप में प्रियंका गांधी का राजनीति में आगमन होने से भाजपा की सिरदर्द बढ़ गया है।
कांग्रेस की ट्रंप कार्ड के रूप में प्रस्तुत प्रियंका गांधी खुद को परिवार के चुनावी क्षेत्र अमेठी और रायबरेली तक सीमित नहीं रखेंगी, बल्कि वह पूरे पूर्वाचल के 24 जिलों में चुनावी अभियान का नेतृत्व करेंगी।
कांग्रेस ने भाजपा को कड़ी शिकस्त देने के मकसद से ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया है, जिन्होंने हाल ही में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था, लेकिन इसके बावजूद दोनों दलों को बड़ी हार मिली थी।
मौजूदा हालात में प्रियंका गांधी के आगमन से एक बार फिर देश की सबसे बड़ी आबादी वाले प्रदेश में चुनावी गणित बदल सकता है। मालूम हो कि देश में सबसे ज्यादा सांसद इसी प्रदेश से चुनकर लोकसभा पहुंचते हैं।
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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात
महाकुम्भनगर| महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।
हर गतिविधि होगी कैप्चर
महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।
महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन
महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।
एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद
महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।
ये है टीथर्ड ड्रोन
महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।
बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम
टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।
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