प्रादेशिक
‘प्रॉक्सी’ से राजनेता बनतीं बिहार की महिला विधानसभा सदस्य
भानुप्रिया राव
नई दिल्ली| 35 साल पहले बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के एक शहर नरकटियागंज के खंड विकास कार्यालय में मेहतर का काम करने वाली भागीरथी देवी आज भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की ओर से विधानसभा में तीसरे कार्यकाल की एक सदस्य हैं। भागीरथी देवी 243 सदस्यीय सभा में 34 महिला सदस्यों में उत्तर पूर्व बिहार के रामनगर निर्वाचन क्षेत्र से एक हैं। महादलित (2007 में बिहार सरकार द्वारा नीची जाति के दलितों में सबसे गरीब को दिए नाम) 65 वर्षीय भागीरथी देवी के मुताबिक, “खंड विकास अधिकारी के कार्यालय में आने वाले गरीबों खासतौर पर गरीब औरतों के साथ अन्याय और अत्याचार को देखकर ही मैंने सोच लिया था कि राजनीति में जाकर बाबू लोगों को सबक सिखाऊंगी।”
1980 में नौकरी छोड़ने के बाद भागीरथी देवी ने कई साल नरकटियागंज खंड में महिला संगठन बनाने और घरेलू हिंसा, दलितों के खिलाफ हिंसा और उचित वेतन देने जैसे कई मुद्दों के खिलाफ जागरुकता फैलाने में व्यतीत किए। अपनी इस राजनैतिक सक्रियता को जिले के अन्य खंडों में फैलाते हुए उसे 1991 में प्रदर्शन के आयोजन के लिए जेल भी जाना पड़ा। छह बच्चों की मां भागीरथी देवी के लिए राजन्ीति में आना आसान नहीं था। अपने पति के यह न समझने तक कि अब वह पीछे नहीं हटेगी, भागीरथी ने अपने जुनून को तरजीह देते हुए पांच वर्षो के लिए उसका भी साथ छोड़ दिया।
दलीय राजनीति में प्रवेश से पूर्व की कोशिशों में दस वर्ष देने के बाद भाजपा से चुनाव टिकट हासिल करने में भागीरथी को दस वर्ष और लगे। आज वह विधानसभा में ऐसी सदस्य के रूप में जानी जाती है जिसे चुप कराना आसान नहीं है। भागीरथी देवी की राजनीतिक यात्रा दृढ़ निश्चय के साथ ही महिला राजनीतिज्ञों खासतौर पर समाज के कमजोर तबकों से राजनीति में आनी वाली महिलाओं की मुश्किलों को भी बयां करती है, जिन्हें अपने पुरुष नातेदार का ‘प्रॉक्सी’ कहा जाता है। इंडिया स्पेंड की रिपोर्ट के मुताबिक, भागीरथी देवी अन्य मामलों में पिछड़े बिहार में पिछले एक दशक में विधानसभा सदस्यों में महिलाओं की उल्लेखनीय लहर का प्रतिबिंब है।
संविधान के 73वें संशोधन में महिलाओं के लिए घोषित 33 प्रतिशत आरक्षण के कारण सीट त्यागने वाले पुरुष नातेदारों द्वारा या किसी अपराधिक मामले में लिप्त होने के कारण अयोग्य घोषित होने की स्थिति में उनकी जगह चुनाव लड़ने वाली महिलाओं के लिए पंचायतों में ‘प्रॉक्सी’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता था। प्रॉक्सी शब्द को प्रचलित करने में लालू यादव का भी हाथ रहा जिसने चारा घोटाले के बाद अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार का मुख्यमंत्री बना दिया लेकिन बिहार का आंकड़ा इस प्रचलित मिथ को झुठलाता है।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स जो कि राजनीतिक उम्मीदवारों की देश भर में पड़ताल करती है, द्वारा चलाई जा रही वेबसाइट ‘माय नेता डॉट इन’ में प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक बिहार की 34 महिला विधानसभा सदस्यों में केवल छह ने अपने पुरुष नातेदारों द्वारा छोड़ी सीट पर चुनाव लड़ा। बड़े हिस्से 82 प्रतिशत ने अपनी योग्यता पर चुनाव लड़ा। आलोचकों का मानना है कि कम पढ़ी लिखी महिलाएं ज्यादातर खिलौना होती हैं, जबकि असली ताकत उनके पुरुष नातेदारों के हाथ में होती है।
भागीरथी देवी कहती हैं, “हम न तो लालू से डरते हैं और न ही नीतीश से। वोट जनता देती है हम सिर्फ उससे डरते हैं। ” भागीरथी देवी की तरह दक्षिणी बिहार के गया जिले में बाराचाट्टी निर्वाचन क्षेत्र की पांचवी पास ज्याथी देवी भी इस अनुमान को झुठलाते हुए अपने दम पर राजनीति में आई हैं। कुछ महिला विधानसभा सदस्य हालांकि अपने पुरुष नातेदारों के लिए अग्रणी होती हैं, ऐसी हैं जरूर भले ही कम। लेकिन अन्य को ‘प्रॉक्सी’ कहकर नजरअंदाज करके प्रशासन के मकसद को पूरा नहीं किया जा सकता।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
-
लाइफ स्टाइल22 hours ago
सुबह डल नजर आता है चेहरा, तो अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय
-
नेशनल5 hours ago
दिल्ली में सांस लेना हुआ मुश्किल, कई इलाकों में AQI 4OO पार
-
उत्तर प्रदेश1 day ago
दिवाली के दिन यूपी के इस जिले में 25 करोड़ की शराब पी गए लोग
-
खेल-कूद5 hours ago
HAPPY BIRTHDAY KING KOHLI : भारतीय क्रिकेट टीम के किंग विराट कोहली आज मना रहे हैं अपना 36वां जन्मदिन
-
खेल-कूद3 hours ago
फुटबॉल खेलते वक्त मैदान पर गिरी बिजली, एक प्लेयर की मौत, वीडियो वायरल
-
नेशनल2 days ago
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण सनातन धर्म की रक्षा के लिए ‘नरसिंह वरही ब्रिगेड’ के गठन की घोषणा
-
नेशनल6 hours ago
लोक गायिका शारदा सिन्हा की तबियत बिगड़ी, एम्स में भर्ती, पीएम मोदी ने फोन कर ली जानकारी
-
उत्तराखंड2 days ago
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद