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प्रो स्पोर्टीफाई को इंडियन एरेना पोलो लीग की जिम्मेदारी

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नई दिल्ली, 11 फरवरी (आईएएनएस)| भारतीय पोलो संघ और प्रो स्पोर्टीफाई इस साल सितम्बर में संयुक्त रूप से इंडियन एरेना पोलो लीग का आयोजन करेंगे। इस करार की घोषणा सेना प्रमुख एवं भारतीय पोलो संघ (आईपीए) के अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, लेफ्टिेंट जनरल एवं आईपीए के उपाध्यक्ष अशोक आम्ब्रे और प्रो स्पोर्टीफाई के संस्थापक एवं प्रोमोटर कार्तिकेय शर्मा ने एक संयुक्त बयान में की।

यहां आयोजित कैवलरी गोल्ड कप के मौके पर आईपीएल के अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की मौजूदगी में एरेना पोलो बॉल में इस करार की घोषणा की गई।

इंडियन एरेना पोलो लीग में कुल छह टीमें हिस्सा लेंगी। एरेना पोलो का छोटा स्वरूप है जिसमें पोलो का अपेक्षाकृत छोटा ग्राउंड, बड़ी गेंद और रंगीन कपड़ों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें इस खेल की तेजतर्रार गति प्रोफेशनल रूप में दिखाई देगी।

लीग में भारतीय खिलाड़ियों के अलावा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी भाग लेंगे। पोलो लीग में स्पोर्ट्स फैशन और लाइफस्टाइल का अद्भुद संगम देखने को मिलेगा।

इंडियन पोलो लीग के लॉन्च के अवसर पर आईपीए के मानद सचिव एवं विशिष्ट सेवा मेडल प्राप्त कर्नल रवि राठौर ने कहा, ” मैं इस कदम के लिए कार्तिकेय शर्मा की दूरदर्शिता खेल के प्रति लगाव और समर्पण के लिए उन्हें बधाई देता हूं।”

इस अवसर पर कार्तिकेय शर्मा ने कहा, “देश में पोलो का खेल ठाठ-बाठ का पर्याय रहा है और अब इसके संरक्षकों को इंडिया पोलो लीग में अपनी टीम खरीदने का अवसर मिलेगा। यह खेल देश में तेजी से उभरते खेल और लाइफस्टाइल बिजनेस के रूप में सामने आ रहा है।”

इस समय आईपीए के साथ देश भर में 35 क्लब जुड़े हुए हैं, जिनमें कुल 450 खिलाड़ी हैं और उनमें भी सौ से ज्यादा पेशेवर खिलाड़ी हैं। आईपीए अंतर्राष्ट्रीय पोलो संघ से सम्बद्ध है। अब आईपीए और प्रो स्पोर्टीफाई मिलकर इस लीग को आयोजित करेंगे और आईपीए लीग को संचालित करने के लिए अधिकारी मुहैया कराएगा।

 

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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