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फरवरी में जीएसटी संग्रह 13 फीसदी बढ़ा

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नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)| वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत राजस्व संग्रह इस साल फरवरी में पिछले साल के मुकाबले 13 फीसदी बढ़कर 97,247 करोड़ रुपये हो गया। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी शुक्रवार को दी। फरवरी, 2018 में जीएसटी राजस्व संग्रह 85,962 करोड़ रुपये था। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “कुल जीएसटी राजस्व संग्रह फरवरी 2019 में 97,247 करोड़ रुपये हुआ।” इससे पहले जनवरी 2019 में जीएसटी राजस्व संग्रह 1,02,503 करोड़ रुपये रहा। जब चालू वित्तवर्ष में तीसरे महीने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक राजस्व संग्रह हुआ।

फरवरी 2019 में संग्रहित 97,247 करोड़ रुपये के राजस्व में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 17,626 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 24,192 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) 46,953 करोड़ रुपये और उपकर 8,476 करोड़ रुपये शामिल हैं।

बयान के अनुसार, आईजीएसटी की राशि में आयात पर संग्रहित कर 21,384 करोड़ रुपये और आयात पर उपकर 910 करोड़ रुपये शामिल हैं।

फरवरी, 2018 में संग्रहीत राजस्व 85,962 करोड़ रुपये था, जिसके मुकाबले राजस्व संग्रह में फरवरी 2019 के दौरान 13.12 फीसदी का इजाफा हुआ।

सरकार ने कहा कि जनवरी से लेकर 28 फरवरी, 2019 तक दाखिल कुल जीएसटीआर 3बी रिटर्न 73.48 लाख है।

सरकार ने नियमित निपटान के रूप में सीजीएसटी में 19,470 करोड़ रुपये और आईजीएसटी से एसजीएसटी में 15,747 करोड़ रुपये का निपटान किया है।

नियमित निपटान करने के बाद फरवरी में केंद्र सरकार और राज्य द्वारा प्राप्त कुल राजस्व सीजीएसटी के तौर पर 37,095 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के तौर पर 39,939 करोड़ रुपये प्राप्त किया गया।

 

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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