अन्तर्राष्ट्रीय
फिलीपींस ने कम्युनिस्ट विद्रोहियों से शांति वार्ता बंद की
मनीला, 22 नवंबर (आईएएनएस)| फिलीपींस सरकार ने बुधवार को न्यू पीपुल्स आर्मी के साथ अवरुद्ध शांति वार्ता समाप्त करने की घोषणा की है। न्यू पीपुल्स आर्मी एक कम्युनिस्ट विद्रोही संगठन है, जिसे अमेरिका और यूरोपीय संघ आतंकवादी समूह मानते हैं। समाचार एजेंसी एफें के अनुसार, शांति वार्ता के लिए मनीला एजेंसी के प्रभारी ने इस फैसले के लिए कम्युनिस्टों में बातचीत करने की इच्छा का अभाव और हाल ही में सुरक्षा बलों पर उनके सशस्त्र हमलों को जिम्मेदार ठहराया है।
शांति प्रक्रिया पर राष्ट्रपति के सलाहकार कार्यालय के प्रमुख जीसस दुरेजा ने कहा, अब सीपीपी/एनपीए/एनडीएफ से किसी भी तरह की कोई शांति वार्ता नहीं होगी। यह वार्ता तब तक नहीं होगी, जब तक कि सरकार के रुख में बदलाव के लिए उपयुक्त वांछित सक्षम वातावरण नहीं बन जाता।
दुरेजा ने कहा कि फिलीपींस के राष्ट्रपति रॉड्रिगो दुतेर्ते ने अभूतपूर्व कदम उठाए और शांति स्थापित करने के लिए तथाकथित अतिरिक्त प्रयास किए। हालांकि, कम्युनिस्ट पार्टी और उसके सशस्त्र तत्वों ने पारस्परिकता नहीं दिखाई।
सरकार और फिलीपींस की प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधियों ने अप्रैल में शांति की नींव रखने के लिए एक निश्चित वार्ता की शुरुआत की थी। लेकिन बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई और सशस्त्र संघर्ष हुए। कम्युनिस्ट पार्टी, न्यू पीपुल्स आर्मी (एनपीए) की राजनीतिक शाखा है।
कुछ दिन पहले दुतेर्ते ने वादा किया था कि वह कम्युनिस्टों के साथ बातचीत नहीं करेंगे और फिर से एनपीए को आतंकवादी समूह के रूप में वर्गीकृत करने का इरादा जाहिर किया था।
माओवादियों से प्रेरित विद्रोही समूह को अमेरिका और यूरोपीय संघ की एक सूची में पहले ही आतंकवादी संगठन के रूप में शामिल किया जा चुका है। हालांकि फिलीपींस सरकार ने शांति वार्ता को सुविधाजनक बनाने के लिए 2011 में ऐसी सूची से अपना नाम वापस ले लिया था।
एनपीए और फिलीपींस सरकार के बीच संघर्ष लगभग साढ़े चार दशक से चल रहा है। इस संर्घष में कम से कम 30 हजार लोग मारे गए हैं।
30 जून, 2016 को शुरू हुए दुतेर्ते के जनादेश के अंतर्गत, अगस्त 2016 में संघर्षविराम पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह संघर्षविराम फरवरी तक जारी रहा, लेकिन विद्रोहियों ने उसके बाद इसका उल्लंघन कर दिया।
अन्तर्राष्ट्रीय
हिजबुल्लाह ने इजरायल पर दागे लगभग 250 रॉकेट, 7 लोग घायल
बेरूत। हिजबुल्लाह ने एक बार फिर इजरायल पर बड़ा हमला किया है। रविवार को हिजबुल्लाह ने इजरायल पर लगभग 250 रॉकेट और अन्य हथियारों से हमला किया। इस हमले में कम से कम सात लोग घायल हो गए है। हिजबुल्लाह का यह हमला पिछले कई महीनों में किया गया सबसे भीषण हमला है, क्योंकि कुछ रॉकेट इजरायल के मध्य में स्थित तेल अवीव इलाके तक पहुंच गए।
इजराइल की ‘मैगन डेविड एडोम’ बचाव सेवा ने कहा कि उसने हिजबुल्लाह द्वारा इजराइल पर दागे गए हमलों में घायल हुए सात लोगों का इलाज किया. युद्ध विराम के लिए वार्ताकारों की ओर से दबाव बनाए जाने के बीच हिजबुल्लाह ने ये हमले बेरूत में घातक इजराइली हमले के जवाब में किये
सेना का अभियान चरमपंथियों के खिलाफ
इसी बीच लेबनान की सेना ने कहा कि इजराइल के हमले में रविवार को लेबनान के एक सैनिक की मौत हो गई जबकि 18 अन्य घायल हो गए. इस घटना पर इजराइल की सेना ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमला हिजबुल्लाह के विरुद्ध युद्ध क्षेत्र में किया गया और सेना का अभियान केवल चरमपंथियों के खिलाफ हैं.
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