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फिलीपींस यात्रा आसियान के लिए भारत की प्रतिबद्धता की प्रतीक : मोदी
नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि 15वें भारत-आसियान सम्मेलन, 12वें पूर्वी एशिया सम्मेलन के लिए उनका फिलीपींस दौरा और राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक दक्षिण-पूर्व एशिया और भारत-प्रशांत क्षेत्र के साथ अपने संबंधों को और मजबूत बनाने की भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। फिलीपींस की तीन दिवसिया यात्रा पर रविवार को रवाना होने से पहले दिए गए एक बयान में मोदी ने कहा कि यह उनकी आसियान सदस्य देशों की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी।
उन्होंने कहा कि दो सम्मेलनों में उनकी भागीदारी से देश की आसियान के सदस्य देशों के साथ संबंध प्रगाढ़ करने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। खासतौर से भारत-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ, जो सरकार की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के अंतर्गत है।
दक्षिण पूर्व एशियाई देशों (आसियान) के संगठन में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।
मोदी ने कहा कि दो सम्मेलनों के अलावा वे आसियान की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किए जा रहे विशेष कार्यक्रमों में शामिल होंगे, जिसमें क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) नेताओं की बैठक और आसियान व्यापार और निवेश बैठक शामिल है।
आरसीईपी के तहत 10 आसियान सदस्य राष्ट्रों के बीच मुक्त व्यापार समझौता और इस समूह का छह अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता प्रस्तावित है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं।
उन्होंने कहा, फिलीपींस की मेरी पहली यात्रा के दौरान मैं फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के साथ द्विपक्षीय बैठक को लेकर उत्साहित हूं। मैं वहां अन्य आसियान और पूर्वी एशिया सम्मेलन के नेताओं के साथ बातचीत करूंगा।
मोदी ने कहा कि वे फिलीपींस में भारतीय समुदाय के साथ जुड़ने की आशा करते हैं। मोदी ने कहा कि वे अंतर्राष्ट्रीय चावल शोध संस्थान (आईआरआरआई) और महावीर फिलीपींस फाउंडेशन इंक (एमपीएफआई) का भी दौरा करेंगे।
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महाराष्ट्र में बोले अमित शाह- शरद पवार की चार पुश्तें भी जम्मू-कश्मीर में धारा 370 वापस नहीं ला सकती
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी, कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी गठबंधन पर जमकर हमला बोला। अमित शाह ने कहा, “मैं एमवीए वालों से पूछने आया हूं कि औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर होना चाहिए या नहीं?
अमित शाह ने आगे कहा, ”अभी-अभी जम्मू कश्मीर के असेंबली में मीटिंग हुई, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कांग्रेस पार्टी ने भी एक संकल्प किया कि धारा 370 वापस लाइए, कश्मीर जो है भारत का अभिन्न यंग नहीं है। मैं आज संभाजी महाराज की भूमि पर कह कर जा रहा हूं- शरद पवार साहब, चाहे आपकी चार पुश्ते भी आ जाएं, हम धारा 370 को वापस नहीं आने देंगे।”
अमित शाह यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने राम मंदिर का जिक्र करके कांग्रेस पार्टी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 75 साल से राम मंदिर को लटका रही थी। राहुल गांधी अयोध्या नहीं गए, उन्हें वोट बैंक से डर लगता है। हम बीजेपी वाले उस वोट बैंक से नहीं डरते हैं. हमने काशी विश्वनाथ का कॉरिडोर भी बनाया, सोमनाथ का मंदिर भी सोने का बन रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यहां पर तुष्टिकरण की राजनीति चल रही है, इसे रोकने का एकमात्र रास्ता बीजेपी की सरकार है। महायुति की सरकार है।
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