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फीफा विश्व कप : आज ईरान और स्पेन होंगे आमने-सामने

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कजान (रूस), 20 जून (आईएएनएस)| फीफा विश्व कप के ग्रुप-बी में शामिल ईरान भले ही किस्मत के सहारे अपने पहले मैच में जीत दर्ज करने में सफल रहा हो, लेकिन अब उसका असली मुकाबला बुधवार को 2010 की चैंपियन स्पेन से होगा। टूर्नामेंट मे एशिया की उम्मीदों का भार उठा रही ईरान को अपने पहले मैच में सेंट पीटर्सबर्ग में मोरक्को के खिलाफ 1-0 की जीत मिली थी। हालांकि उसे यह जीत उसकी किस्मत की बदौलत मिली थी जब मोरक्को के अजिज बोउहादोउज ने हेडर के जरिए गेंद को बाहर भेजना चाहा, लेकिन दुर्भाग्यवश वह गेंद को गोलपोस्ट के अंदर मार बैठे और ईरान को बिना मेहनत के जीत मिल गई।

इस जीत की बदौलत अब वह अपने ग्रुप में तीन अंकों के साथ शीर्ष पर बना हुआ है। फ्रांस में वर्ष 1998 में हुए फीफा विश्व कप के 16वें संस्करण के बाद से यह पहला मौका जब ईरान अपने ग्रुप में शीर्ष पर है। मोरक्को के खिलाफ मिली जीत से ईरान का आत्मविश्वास काफी बढ़ा हुआ है और वह इसी आत्मविश्वास के साथ स्पेन के खिलाफ मुकाबले में उतरने को तैयार है।

फीफा विश्व कप के इतिहास में ईरान की यह केवल दूसरी जीत है। उसने इससे पहले 1998 के विश्व कप में अमेरिका को 2-1 से हराया था। अपने पहले ही मैच में तीन अंक अर्जित करने के बाद अब ईरान की पूरी कोशिश अंतिम-16 में पहुंचने की होगी और इसके लिए स्पेन के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकता है।

दूसरी तरफ स्पेन को सोचि में 15 जून को अपने पहले मैच में पुर्तगाल के खिलाफ 3-3 से ड्रॉ खेलकर अंक बांटने पर मजबूर होना पड़ा था। हालांकि इस मैच में टीम का प्रदर्शन शानदार रहा था और वह मैच के 88वें मिनट तक 2-1 से आगे थी लेकिन करिश्माई खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो की हैट्रिक के चलते स्पेन को ड्रॉ से संतोष करना पड़ा था।

कोच फर्नाडो हिएरो दूसरे मैच में कुछ बदलाव कर सकते हैं। हिएरो पहले ही कह चुके हैं कि डेविड डि गिया गोलकीपर के रूप में अपना काम संभालना जारी रखेंगे। स्पेन को एक बार फिर अपने स्टार खिलाड़ी डिएगो कोस्टा और नाचो फनार्डीज से गोल की उम्मीद होगी जिन्होंने पिछले मुकाबले में क्रमश: दो और एक गोल किए थे।

ईरान के खिलाफ होने वाले मैच में स्पेन एक बार फिर अपने स्वभाविक खेल के भरोसे उतरेगी। स्पेन की यह रणनीति रही है कि वह गेंद को अधिक समय तक अपने नियंत्रण में रखती है और धीरे-धीरे लय में आती है। स्पेन के पास गेंद को अधिक समय तक पास करने की क्षमता है जो ईरान को मैच से दूर कर सकता है।

टीमें-

ईरान- अली बिरेवांड, रमीन रेजियन, मोर्टेजा पौरालिगेंजी, पेजमैन मोंटाजेरी, मसूद शोजेई, सईद एजातोलाही, एहसान हाजी सफी, ओमिद इब्राहिमी, वाहिद अमिरी, सरदार अजमौन, अलीरेजा जहांबख्श।

स्पेन- डेविड डि गिया, जोर्डी एल्बा, सर्जियो रामोस, गेरार्ड पिके, नाचो, सर्जियो बस्केटस, थियागो एल्सांट्रा, आंद्रेस इनिएस्ता, इस्को, डेविड सिल्वा, डिएगो कोस्टा।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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