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फीफा विश्व कप : क्या अर्जेटीना को तीसरी बार खिताब दिला पाएंगे मेसी?
नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)| फुटबाल के सबसे महान खिलाड़ियों में शुमार लियोनल मेसी ने अपने करियर में सभी ट्रॉफी जीती है लेकिन वह अब तक अपने देश को फीफा विश्व कप का खिताब दिलाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं।
रूस में 14 जून से शुरू होने वाले विश्व कप में दुनिया भर के फुटबाल प्रशंसकों की निगाहें इस पर टिकी होंगी कि क्या फुटबाल का यह जादूगर अर्जेटीना को तीसरी बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का खिताब दिलाने में कामयाब हो पाएगा?
विश्व कप में अर्जेटीना का गौरवशाली इतिहास रहा है। इस दक्षिण अमेरिकी देश ने कुल 16 बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है और दो बार खिताब जीतने में कामयाब रहा है जबकि दो बार उसे फाइनल में हार का मुंह देखना पड़ा है।
ब्राजील में 2014 में हुए विश्व कप के फाइनल में अर्जेटीना ने मेसी के नेतृत्व में शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन फाइनल मुकाबले में वह जर्मनी के खिलाफ 0-1 से हार गई। इसके अलावा, 1990 के विश्व कप में उसे पश्चिम जर्मनी के खिलाफ भी 0-1 से हार झेलनी पड़ी थी।
अर्जेटीना ने पहली बार अपने घर में खेलते हुए 1978 में डेनियल पासारीला के नेतृत्व में खिताब पर कब्जा किया था लेकिन 1986 में टूर्नामेंट का खिताब जीतना फुटबाल प्रशंसकों के लिए सबसे यादागार रहा। 1986 के विश्व कप में दुनिया ने डिएगो मैरोडोना का जलवा देखा और उन्होंने अपनी कप्तानी में देश को दूसरी बार खिताब दिलाया।
मैराडोना के नेतृत्व में अर्जेटीना ने टूर्नामेंट में अपने से बेहतर टीमों को मात दी। इंग्लैंड के खिलाफ क्र्वाटर फाइनल मुकाबला को आज भी मैराडोन के मैजिक के लिए याद किया जाता है। मैराडोना के पहले गोल ने बहुत सुर्खियां बटोरी, वह बॉक्स के अंदर थे और हेडर मारने का प्रयास करते समय गेंद उनके हाथ से लगकर गोल में चली गई लेकिन रेफरी यह देख नहीं पाए और अर्जेटीना को 1-0 की बढ़त मिल गई। उस गोल को आज भी ‘गॉड ऑफ हैंड’ के नाम से जाना जाता है।
‘गॉड ऑफ हैंड’ के बाद अर्जेटीना के जादूगर ने हाफ लाइन से अपने दम पर गेंद के साथ इंग्लैंड की पूरी टीम को छकाते हुए विश्व कप इतिहास के सबसे बेहतरीन गोल दागा।
मेसी और मैराडोना के बीच हमेशा से तुलना होती रही है और पांच बार विश्व के सर्वश्रेष्ठ फुटबाल खिलाड़ी चुने जाने वाले मेसी केवल विश्व कप की ट्रॉफी जीतने के मामले में ही मैराडोना से कमतर आंके जाते हैं।
ब्राजील की तरह इस बार अर्जेटीना की टीम के पास दमदार अटैक है। उसके पास फारवर्ड लाइन में मेसी, सर्गियो अगुएरो, गोंजालो हिगुएन और पाउलो डेबाला जैसे विश्व स्तरीय खिलाड़ी हैं जो किसी भी परिस्थिति में गोल दागने का माद्दा रखते हैं।
मिडफील्ड की जिम्मेदारी एवेर बानेगा एवं एंगेल डी मारिया जैसे अनुभवी खिलाड़ियों पर होगा। हालांकि, मैनुएल लानजिनी शुक्रवार को अभ्यास के दौरान घुटने की चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं, जो अर्जेटीना के लिए तगड़ा झटका हो सकता है। लानजिनी की जगह एंजो पेरेज को टीम में शामिल किया गया है।
अर्जेटीना की डिफेंस आगामी टूर्नामेंट में टीम की कमजोर कड़ी साबित हो सकती है। डिफेंस में वियर माशेरानो, निकोल्स ओटामेंडी, फेडरिको फाजियो और मार्कोस रोहो अहम मौको पर कमजोर साबित हो सकते हैं।
डिफेंस के अलावा टीम के पास एक शीर्ष गोलकीपर की भी कमी है क्योंकि पिछले विश्व कप में टीम का हिस्सा रहे गोलकीपर सर्जियो रोमेरो चोट के कारण पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो चुके हैं।
विश्व कप के लिए अर्जेटीना को ग्रुप डी में क्रोएशिया, आइसलैंड और नाईजीरिया के साथ रखा गया है और टीम अपने पहले मुकाबले में 16 जून को आइसलैंड का सामना करेगी।
टीम :
गोलकीपर : विल्फ्रेडो काबालेरो, फ्रांको अमार्नी, नाहुएल गुजमान
डिफेंडर : गेब्रिएल मासेर्डो, जेवियर माशेरानो, निकोल्स ओटामेंडी, फेडरिको फाजियो, मार्कोस रोजो, निकोल्स टागलियाफिको, क्रिस्टियन एंसाल्डी, मार्कोस अकुना
मिडफील्डर : लुकास बिगलिया, एडुआडरे साल्वियो, एवेर बानेगा, एंगेल डी मारिया, एंजो पेरेज, गियोवानी लो सेल्सो, मैक्सीमिलियानो मेजा
फारवर्ड : लियोनेल मेसी, सर्गियो अगुएरो, गोंजालो हिगुएन और पाउलो डेबाला।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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