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मुख्य समाचार

फीफा विश्व कप : साउदी अरब के बाद अब मिस्र को हराना चाहेगा रूस (प्रीव्यू)

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सेंट पीटर्सबर्ग (रूस), 18 जून (आईएएनएस)| अपने पहले मैच में सऊदी अरब को 5-0 से करारी शिकस्त देने वाली मेजबान टीम रूस फीफा विश्व कप के इस 21वें संस्करण के अपने अगले मैच में अपने कई बेहतर टीम मिस्र का सामना करने जा रही है। ग्रुप-ए का यह मैच सेट पीटर्सबर्ग स्टेडियम में मंगलवार को खेला जाएगा।

रूस इस मैच में गोलों की बरसात कर बेहतरीन जीत हासिल करते हुए आ रही है तो वहीं मिस्र इस मैच में उरुग्वे से मिली हार से बाद आ रही है।

बावजूद पहले मैच में अंतिम पलों में मिली हार के बाद मिस्र का आत्मविश्वास ऊंचा है क्योंकि उसके स्ट्रार स्ट्राइकर मोहम्मद सलाह चोट के बाद वापसी कर रहे हैं और इस मैच में टीम की जिम्मेदीर लेने को तैयार हैं। पिछले मैच में सलाह बेंच पर बैठे थे।

सलाह टीम की आक्रमण पंक्ति को न सिर्फ मजबूत करेंगे बल्कि वह टीम में एक नई जान फूंक सकते हैं। उनका मैदान पर रहना मिस्र के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का सबब तो होगा ही जबकि मैदान पर सलाह की मौजूदगी रूस के माथे पर बल लाने के लिए काफी है।

सलाह की वापसी के बाद मिस्र विश्व कप में बने रहने की संभावानाओं को जिंदा रखने के लिए अपनी पूरी जान लगा देगा। इस मैच में जीत उसके अगले दौर में जाने के लिए बेहद जरूरी है वहीं हार से उसके अभियान को बड़ा झटका लग सकता है।

बेशक सलाह के आने से आक्रमण पंक्ति मजबूत होगा, लेकिन कोच हेक्टर कपर को इस मैच में अपने डिफेंस पर भी अच्छा खासा ध्यान देना होगा।

वहीं रूस की कोशिश इस मैच को जीतकर अंतिम-16 में अपनी जगह पक्की करने की होगी। उसके पास इससे बेहतर मौका नहीं हो सकता जब इतिहास के पन्नों में अपने नाम एक नई इबारत लिख दे। वह भी इस बात को जानती है। फीफा रैंकिंग में अपने से बेहतर स्थान रखने वाली सऊदी अरब को एक तरफा मात देने के बाद उसके हौसले बुलंद हैं, लेकिन उसे यह समझने की जरूरत है कि जो टीम अब उसके सामने है वो बहुत मजबूत और ताकत वर है।

टीम का अटैक पिछले मैच में शानदार था। उसी प्रदर्शन को कायम रखना और उसी तरह की रणीनीति और मानसिकता के साथ खेलना रूस के लिए जरूरी है।

पिछले मैच में रूस के डिफेंस की ज्यादा परीक्षा नहीं हुई थी, लेकिन इस मैच में सलाह के रहते उसे सतर्क रहना होगा।

अगर मैच का परिणाम ड्रॉ रहता है तो मिस्र के लिए परेशानी बढ़ सकती है।

टीमें :

मिस्र :

गोलकीपर : एसाम अल हादरी, मोहम्मद एल सेहेनावी, शेरिफ एकरामी, मोहम्मद अवद।

डिफेंडर : अहमद फताही, साद सामीर, अयमान अशरफ, मेहमुद हमदी, मोहम्मद अबदेव शाफी, अहमद हेगाजी, अली गाबेर, अहमद अल मोहम्मदी, करीम हफीज, ओमर गाबेर, आम्रो गाबेर, अम्रो तारेक।

मिडफील्डर : तारेह हमीद, मेहमुद अबदेल अजीज, शिकाबाला, अबदल्लाह अल साइद, सैम मोर्सी, मोहम्मद अलनी, मेहमुद इखाराबल, रमदान सोभी, मेहमुद ट्रेजेगुएटल, अमर वार्डा।

फॉरवर्ड : मारवान मोहेसेन, अहमद गोमा, अहमद हसन, मोहम्मद सलाह

रूस:-

गोलकीपर : इगोर एकिन्फीव, व्लादिमीर गैबुलोव, एंड्री ल्यूनेव।

डिफेंडर : व्लादिमीर ग्रेनाट, रुस्लान कंबोलोव, फेडर कुद्रीशोव, इल्या कुटेपोव, आंद्रे सेम्योनोव, इगोर स्मोलनिकोव, मारियो फनार्डेज।

मिडफील्डर: युरी गाजिंस्की, एलेक्जेंडर गोलोविन, एलन ड्झागोव, युरी झिर्कोव, रोमन जोबिन, डालेर कुज्येव, एंटोन मिरंचुक, एलेक्जेंडर सामेडोव, एलेक्जेंडर ताश एवं डेनिस चेरीशेव।

फॉरवर्ड : अर्टयोम डज्युबा, एलेक्सी मिरांचुक, फेडर स्मोलोव।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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