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बिजनेस

फोर्ब्स की शीर्ष 50 कंपनियों में 10 भारतीय

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वाशिंगटन। अमेरिकी कारोबार पत्रिका ‘फोर्ब्स’ ने एशिया प्रशांत क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ कारोबार करने वाली शीर्ष 50 कंपनियों की सूची जारी की है, जिसमें दस कंपनियों के साथ लगातार पांचवें साल दूसरे पायदान पर रहा है। इस सूची में एक बार फिर चीन 25 कंपनियों के साथ प्रथम स्थान पर है। फोर्ब्स के मुताबिक, इस सूची में भारत के एचडीएफसी बैंक ने 2006 तक कोई जगह नहीं बनाई थी, लेकिन किसी अन्य कंपनी की तुलना में यह कंपनी अब तक नौ बार इस सूची में जगह बनाने में सफल रही है।

भारत के निजी क्षेत्र में आईसीआईसीआई बैंक के बाद एचडीएफसी बैंक दूसरा सबसे बड़ा बैंक है। एचडीएफसी बैंक की बाजार पूंजी 43 अरब डॉलर है। बैंक के देशभर में 3.2 करोड़ ग्राहक हैं। बैंक की देश के लगभग 2,500 कस्बों और गांवों में 4,000 से अधिक शाखाएं हैं। बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी को फोर्ब्स एशिया के अगस्त अंक के मुख्य आलेख में पेश किया गया है।

इस सूची में चीन की 25 कंपनियां कब्जा करने में सफल रही हैं। पिछले साल इनकी संख्या 16 थी, जो पांचवें साल लगातार किसी अन्य देश की तुलना में दोगुनी है। इस सूची में सबसे बड़ी कंपनी चीन की टेनकेंट है, जिसका बाजार मूल्य 176.5 अरब डॉलर है। इस सूची में भारत की कंपनियां 10 कंपनियों के साथ लगातार पांचवें साल दूसरे पायदान पर रही हैं। चार कंपनियों के साथ दक्षिण कोरिया तीसरे स्थान पर है। इस सूची में फिलिपींस, थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर प्रत्येक देश की दो कंपनियां और ताइवान, जापान और इंडोनेशिया की एक-एक कंपनियां हैं।

इस सूची में शामिल भारतीय कंपनियां- अरबिंदो फार्मा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एचडीएफसी बैंक, ल्युपिन, मदरसन सूमी सिस्टम्स, सन फार्मास्युटिकल्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा और टाइटन हैं।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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