बिजनेस
बंगाल के चाय बागान इलाकों में हड़ताल शुरू
कोलकाता, 12 जून (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल के उत्तरी पहाड़ी क्षेत्रों में चाय उद्योग के व्यापार संघों के संयुक्त मंच ने न्यूनतम वेतन में सुधार और अन्य मांगों को लेकर सोमवार से दो दिन की व्यापारिक हड़ताल शुरू की। पहाड़ी क्षेत्र में हो रही इस हड़ताल से चाय के उत्पादन को नुकसान होने की आशंका है।
भारतीय व्यापार संघ केंद्र (सीआईटीयू) के राज्य महासचिव आनंदी साहू ने आईएएनएस से कहा, अभी तक हड़ताल के लिए समर्थन जबर्दस्त रहा है। पहाड़ी क्षेक्ष के कम से 90 प्रतिशत चाय मजदूर हड़ताल से जुड़े हैं। उदाहरण के लिए, सुकना चाय बाग में 1800 में से केवल 18 मजदूर ही काम के लिए गए हैं।
हालांकि, राज्य में सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस समर्थित अखिल भारतीय तृणमूल व्यापार संघ कांग्रेस ने इस हड़ताल का विरोध कर रही है।
साहू ने दावा किया कि स्थानीय प्रशासन तृणमूल कांग्रेस समर्थित व्यापार संघ के साथ मजदूरों की हड़ताल को रोकने का प्रयास किया है, लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हो सके।
दार्जिलिंग चाय संघ के एस.एस. बगरिया ने आईएएनएस से कहा, इस दो दिन की हड़ताल से दार्जिलिंग चाय उद्योग को 10 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने की आशा है। हड़ताल के कारण नुकसान न केवल चाय बाग मालिकों को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि मजूदर भी इससे प्रभावित होंगे।
24 व्यापार संघों के इस संयुक्त मंच ने पश्चिम बंगाल के चाय के बागों वाले इलाकों में जैसे की जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, कालींपोंग, अलीपुरद्वार, इस्लामपुर और मेखलिगंज में मंगलवार को 12 घंटों की साधारण हड़ताल का भी आह्वान किया है।
भारतीय चाय संघ के महासचिव अरिजीत राहा ने कहा, हड़ताल का चाय उद्योग जिसमें इसका उत्पाद भी शामिल है, पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ने की आशा है। हमने अभी तक किसी भी प्रकार के नुकसान का आंकलन नहीं किया है।
हड़ताल का आह्वान करने वाले व्यापार संघ न्यूनतम वेतन में सुधार, चाय मजदूरों के हकों की मजबूती और चाय मजदूरों को रहने के लिए उनके बीच जमीन के वितरण किए जाने की मांग कर रहे हैं।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
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