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बच्‍चों को पॉर्न वेबसाइट से दूर रखने को जैमर लगाने पर विचार

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नई दिल्ली। बच्चों को पॉर्न वेबसाइट से दूर रखने के लिए स्कूलों में जैमर लगाने पर मंथन किया जा रहा है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने CBSE से इस पर विचार करने को कहा है। हालांकि, सरकार ने स्कूल बसों में जैमर लगाने के प्रस्ताव को अव्यावहारिक करार दिया है।

केंद्र सरकार ने ये बातें पॉर्न वेबसाइट पर लगाम की मांग करने वाली याचिका पर दाखिल जवाब में कही हैं। सरकार ने बताया है कि चाइल्ड पॉर्नोग्राफी यानी बच्चों के अश्लील वीडियो वाली 3522 वेबसाइट को अब तक ब्लॉक किया जा चुका है।

2013 में इंदौर के वकील कमलेश वासवानी ने इस बारे में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने पॉर्न वेबसाइट को महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों की बड़ी वजह बताया है। उन्‍होंने ऐसी वेबसाइट पर पाबंदी लगाए जाने की मांग की।

याचिका में चाइल्ड पोर्नोग्राफी का मसला भी उठाया गया। चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी वेबसाइट्स पर तुरंत बैन की मांग की गई। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को गंभीर बताते हुए सरकार और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को नोटिस जारी किया।

बाद में तत्कालीन चीफ जस्टिस एच एल दत्तु की अध्यक्षता वाली बेंच ने पॉर्न वेबसाइट पर पूरी तरह पाबंदी की मांग को अव्यावहारिक करार दिया। बेंच ने टिप्पणी की, “अदालत ये कैसे तय कर सकती है कि बंद कमरे में कोई क्या देखे ? अगर ऐसा किया गया तो इसे संविधान के आर्टिकल 21 के खिलाफ माना जायेगा। अगर कोई वयस्क अपनी मर्ज़ी से बंद कमरे में पोर्न वेबसाइट देखना चाहता है, तो क्या अदालत या सरकार उसे ऐसा करने से रोक सकती है।”

हालांकि, कोर्ट ने चाइल्ड पॉर्नोग्राफी पर कोई रियायत न देते हुए सरकार से ऐसी वेबसाइट को तुरंत बंद करने का आदेश सुनाया है। कोर्ट ने स्कूल बस और दूसरी जगहों में बच्चों को जबरन पॉर्न वीडियो दिखाए जाने की घटनाओं पर संज्ञान लिया और सरकार से इससे बचने के उपाय पूछे।

समय समय पर दाखिल जवाब में सरकार ने पॉर्न वेबसाइट पर पूरी तरह रोक को अव्यावहारिक बताया। कहा- इंटरनेट भौगोलिक दायरे से परे है। 5 वेबसाइट को ब्लॉक करें तो 10 और खुल जाएंगी। उनके खुलने पर भारत सरकार का कोई ज़ोर नहीं। हर वेबसाइट की सामग्री की जांच संभव नहीं है।

साथ ही सरकार ने ये भी कहा कि वो नैतिक पुलिस का काम नहीं कर सकती। कोई बालिग व्‍यक्ति बंद कमरे में अपनी मर्ज़ी से कुछ देखे तो उसे रोकना सरकार के लिए उचित नहीं। फिर भी कोर्ट जो आदेश देगा, सरकार उस पर अमल करेगी।

आज सरकार ने इस मसले पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की। बच्चों को पॉर्नोग्राफी से बचाने पर जवाब दिया। सरकार ने कहा कि चाइल्ड पॉर्नोग्राफी पर उसका रुख बेहद सख्त है। इसे परोसने वाली वेबसाइट की लगातार पहचान कर ब्लॉक किया जा रहा है। इसके लिए इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं।

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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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