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प्रादेशिक

बड़े नोट किसानों की परेशानी के सबब बने

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2000  rupeesपटना | बिहार की राजधानी पटना से सटे मोकामा के मरांची के किसान शिवशंकर सिंह इन दिनों काफी मायूस हैं। उनके पास 500-500 रुपये के चार नोट हैं, लेकिन 100-100 रुपये के नोट नहीं हैं। नतीजा है कि उन्हें खेतों में काम कराने के लिए दिहाड़ी मजदूर नहीं मिल रहे हैं।

मोकामा का इलाका दलहन के लिए जाना जाता है। इस इलाके में दलहनी फसलों की बुआई के लिए खेत तैयार हैं, परंतु जिनके पास बीज नहीं हैं, वे बीज के लिए दुकानदारों के पास उधारी में बीज लेने की गुहार लगा रहे हैं। इस बीच जिन किसानों ने खेत में बीज डाल दिए हैं, उन्हें अब कीटनाशक खरीदने की चिंता सता रही है।

मरांची के एक किसान नेता भोलाशंकर बताते हैं कि मोकामा टाल क्षेत्र में दलहन की बड़े पैमाने पर खेती होती है और दलहन फसलों की बुआई का काम प्रारंभ ही हुआ था कि सरकार ने नोटबंदी की घोषणा कर दी। बड़े किसान तो बैंक और एटीएम का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन जो किसान महाजनों के भरोसे हैं, जिन्होंने बैंकों के मुंह तक नहीं देखे हैं, उन्हें काफी परेशानी हो रही है। यह स्थिति केवल मोकामा क्षेत्र के किसानों की ही नहीं, बल्कि राज्य के अन्य जिले के किसानों की भी है।

राज्य में मक्के के लिए विख्यात पूणिर्या के किसान भी इस नोटबंदी को लेकर परेशान हैं। पूर्णिया जिले के किसान मक्का की खेती पर आश्रित हैं। मक्का के बीज की बुआई 20 नवंबर तक हो जानी चाहिए थी, लेकिन इस बार नोटबंदी के कारण बड़ी संख्या में किसानों ने अब तक बुआई नहीं की है।

पत्रकार से किसान बने गिरिन्द्रनाथ झा  कहते हैं, “मेरे गांव में मक्का की खेती के लिए खेत तैयार करने के बाद जब बीज खरीदने की बारी आई तो किसानों को बीज नहीं मिल रहे हैं। कोई भी दुकनदार इस बार किसानों को उधार में बीज देने को तैयार नहीं है। किसानों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वे नकद पैसे देकर बीज, खाद खरीद लें।”

झा बताते हैं, “पूर्णिया जिले की एक कहावत है, ‘आवरण (कपड़ा) देबे पटुआ (जूट), पेट भरन देबे धान, पूर्णिया के बसैया रहे चदरवा तान।’ लेकिन अब नोटबंदी के इस दौर में यह मुहावरा बदल गया है। यहां पहले मक्का, जूट और बांस ही किसानों के लिए एटीएम थे, लेकिन अब कहानी ही उलट गई है।

उधर, चनका गांव के मनोहर ऋषिदेव बताते हैं कि उनक बेटा बलिया में लिपिक का काम करता है। उसने अपने एक मित्र से 10 हजार रुपये लेकर भेज दिए थे। वे सभी 1,000-1,000 रुपये के नोट हैं। अब नोट बदलवाने की जुगत में हैं।

उन्होंने कहा, “मैं दो एकड़ में मक्का की खेती करता हूं। लगभग 25 हजार रुपये खर्च होते हैं। इस बार अपना पैसा ही अपना नहीं लग रहा है। लग रहा है कि किसी दूसरे से पैसा मांग रह हूं।”

मनोहर जैसे लाखों किसान हैं, जो इस बार खेती में पिछड़ चुके हैं।

दरभंगा के केवटी प्रखंड के खपड़पुरा गांव के किसान, मजदूर और व्यवसायी सभी नोटबंदी से परेशान हैं। परंतु वे सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निणर्य की तारीफ कर रहे हैं।

जलवारा गांव के महेंद्र साह कहते हैं, “प्रधानमंत्री ने देश हित में 60-70 दिन मांगे हैं। हालांकि बैंकों से पैसे नहीं मिल रहे हैं, जिससे परेशानी तो जरूर हो रही है, परंतु प्रधानमंत्री की ‘अच्छे दिनों’ की परिकल्पना में हम ग्रामीण उनके साथ हैं।”

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हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

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बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

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