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प्रादेशिक

बलिया: शिवपाल ने आठ परियोजनाओं का लोकार्पण व छह का किया शिलान्यास

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shivpal-baliaलखनऊ। सूबे के सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव ने रविवार को जनपद बलिया के चितबड़ागांव में आठ परियोजनाओं का लोकार्पण और छह का शिलान्यास किया। उन्होंने सम्मेलन में आए सभी पदाधिकारियों से एकजुट होकर सीएम अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाने का आहवान किया।

यूपी सरकार के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव ने कहा कि अगर केंद्र सरकार का अपेक्षित सहयोग मिला होता तो और बेहतर तरीके से किसानों को राहत दी गई होती। सपा सरकार के इस कार्यकाल में 27 हजार किमी से अधिक सडक़ों और रिकॉर्ड 605 पुलों का निर्माण कराया गया। प्रदेश की सभी सडक़ें गड्ढामुक्त हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में सरकार ने बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों के विकास के लिए काम किया।

सिंचाई मंत्री ने बताया कि काफी दिनों से लम्बित पड़ी ‘नई राजस्व संहिता‘ को सरकार ने विशेष प्रयास कर लागू किया। इससे किसानों को बिना परेशानी से सही न्याय मिलेगा।

सिंचाई मंत्री ने किया लोकार्पण व शिलान्यास
इस मौके पर सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव ने करीब नौ करोड़ की लागत से बनी कुल आठ परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इसमें प्रमुख रूप से सागरपाली-थम्हनपुरा मार्ग पर टोंस नदी पर सेतु व पहुंच मार्ग रहा। इससे आठ गांवों के लोगों को मुख्यालय से जुडऩे में आसानी हो जाएगी।

सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने करीब 11 करोड़ की लागत से बनने वाली छह परियोजनाओं का शिलान्यास किया। नूरपुर धनौती मार्ग से नूरपुर चौहान बस्ती तक 92.66 लाख की लागत से मार्ग निर्माण, सागरपाली में थम्हनपुरा बैरिया नरहीं मार्ग का 109.93 लाख की लागत से पुनर्निर्माण कार्य, सागरपाली थम्हनपुर बैरिया मार्ग का 188.55 लाख से पुनर्निर्माण कार्य, धर्मापुर गोसलपुर बांध मार्ग का 132.06 की लागत से पुनर्निर्माण, बलिया-लखनऊ मार्ग से सिंहपुर तक 218.98 लाख की लागत से मार्ग का निर्माण व बलिया गड़वार मार्ग से घोसवती होते हुए भलुहीं तक 350.53 की लागत से मार्ग के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया।

सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव ने कहा कि बाढ़ में सरकार ने पूरी ताकत झोंक कर जनता को राहत पहुंचायी। सीधे जिलाधिकारी को निर्देशित कर हर पीडि़तों की सहायता की गयी। ओलावृष्टि में भी सरकार ने किसानों को मुआवजा दिया। पूर्व मंत्री एमएलसी अम्बिका चौधरी ने बाढ़ में बलिया का दर्द समझने के लिए सिंचाई मंत्री का पूरे जनपद की ओर से आभार जताया।

इस अवसर पर पंचायती राज मंत्री रामगोविन्द चौधरी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री नारद राय, पशुधन मंत्री जियाउद्दीन रिजवी, एमएलसी रामसुन्दर दास निशाद, रामजतन राजभर, जिला पंचायत अध्यक्ष सुधीर पासवान, विधायक गोरख पासवान, जयप्रकाश अंचल, सुधाकर सिंह सहित अन्य वक्ताओं ने सिंचाई मंत्री का स्वागत किया।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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