Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

बांदा : SO को मिला था मेडल, 24 घंटे बाद सस्पेंड

Published

on

Loading

लखनऊ। बालू भरे ट्रकों से अवैध वसूली पकडऩे शनिवार को आए अपने ही महकमे के पुलिस अधिकारियों पर उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की गिरवां थाने के पुलिसकर्मियों ने हमला बोल दिया, जिससे एक आईपीएस अधिकारी के हाथ और पैर टूट गए। इस मामले में एसपी ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा कर थानाध्यक्ष और एक सिपाही को निलंबति कर दिया है।

यह भी रोचक है कि 26 जनवरी को गिरवां थाने के एसओ को पुलिस में अहम योगदान के लिए सम्मानित किया गया था। इसके साथ उन्हें डीजीपी ने प्रशंसा पत्र और प्रशंसा चिन्ह भेंट किया गया था लेकिन 24 घंटे के अंदर सारी तस्वीरें बदल गई है और थानाध्यक्ष विवेक प्रताप सिंह और एक सिपाही को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस अधीक्षक शालिनी ने बताया कि बालू भरे ट्रकों से पुलिसकर्मियों द्वारा अवैध वसूली किए जाने की शिकायत पर डीजीपी ने लखनऊ से वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार और मोहित गुप्ता की अगुआई में बाहरी जिले के पुलिसकर्मियों के साथ गोपनीय ढंग से एक दल भेजा था, इसकी भनक जिले में नहीं थी।

उन्होंने कहा कि शनिवार सुबह यह दल जैसे ही गिरवां थाने के पास पहुंचा, वहां कुछ पुलिसकर्मी और उनके लोग बालू भर कर गुजर रहे ट्रकों से अवैध वसूली करते पकड़ लिए गए। उन्होंने बताया कि खुद के पकड़े जाने पर पुलिसकर्मियों ने दल पर हमला बोल दिया, जिससे आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार के हाथ और पैर टूट गए हैं।
एसपी ने बताया कि इस मामले में थानाध्यक्ष विवेक प्रताप सिंह और एक सिपाही को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

प्रादेशिक

ऑल इंडिया वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन ईम्प्लाइज यूनियन की प्रेस कांफ्रेंस में इन मुद्दों पर हुई चर्चा

Published

on

Loading

लखनऊ। आज यूनियन “ऑल इंडिया वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन ईम्प्लाइज यूनियन” की प्रेस कॉन्फ्रेंस फैजाबाद रोड, लखनऊ स्थित एक होटल में आयोजित की गई, जिसमें उत्तर प्रदेश भंडारण निगम के कार्यरत श्रमिकों के कल्याण हेतु यूनियन द्वारा किए गए प्रयासों पर प्रेस वार्ता हुई। यूनियन के राष्ट्रीय महामंत्री एस. के. पाण्डे ने पत्रकारों से बताया कि हम लगातार कई वर्षों से श्रमिकों के हित की लड़ाई लड़ रहे हैं उसी का परिणाम ये है कि वित्त विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा पुराने श्रमिकों के कार्य करने के कार्य दिवस के अनुसार उनको अवशेष वेतन का भुगतान का आश्वासन दिया गया जिसकी आगे की कार्यवाही दिनाँक 18 अक्टूबर से प्रारंभ की जाएगी साथ ही उप-श्रमायुक्त लखनऊ द्वारा 9 अक्टूबर तक यूनियन से तक़रीबन 7 जिलों के 19 डिपो के श्रमिकों की सूची की मांग की गई है ताकि उस सूची पर आगे की कार्यवाही की जा सके।

राष्ट्रीय महामंत्री एस. के. पांडेया ने प्रेस वार्ता में बताया कि हम उन गरीब श्रमिकों को उनका हक जिसमें न्यूनतम वेतन के अलावा हर वो सुविधा दिलाने की कोशिश कर रही है जो एक सामान्य व्यक्ति को कम से कम जीवन की जरूरतें पूरी करने के लिए आवश्यक होती है आज उत्तर प्रदेश भंडारण निगम के श्रमिक भूखमरी के कगार पर हैं, उनका प्रति बोरी के हिसाब से 1.5 रुपये 2 रुपये दिया जाता है कोई बीमा नहीं है, कोई चिकित्सा सुविधा मुहैया नहीं करायी जाती है, वो बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा तक नहीं सकते, उत्तर प्रदेश भंडारण निगम में ठेकेदार लाल हैं और श्रमिक बेहाल। बस यूँ कहिए की वो किसी तरह जी रहे हैं। उन्होंने कहा ये लड़ाई तब तक नहीं रुकेगी जब तक श्रमिकों को उनका हक ना मिल जाए।

इस अवसर पर यूनियन के उत्तर प्रदेश कमेटी के मनोनीत पदाधिकारियों की घोषणा की गई, कमेटी में अध्यक्षा नीशू शुक्ला गिल, उपाध्यक्ष रोहिल कुमार, महामंत्री प्रवीण कुमार, संयुक्त मंत्री शैलेन्द्र कुमार, संगठन मंत्री राम रहीश, कार्यालय मंत्री विजय कुमार, प्रचार मंत्री राकेश कुमार, कोषाध्यक्ष विवेक शर्मा, इन सभी को पदभार दिया गया।

Continue Reading

Trending