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बाजार नियमों के उल्लंघन के लिए रेमंड को सेबी का नोटिस

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 मुंबई, 22 जनवरी (आईएएनएस)| पूंजी बाजार की नियामक संस्था सेबी ने टेक्सटाइल दिग्गज रेमंड को प्रतिभूति बाजार के कई नियमों का उल्लंघन करने के लिए एक कारण बताओ नोटिस भेजा है।

  भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आरोप लगाया है कि रेमंड पट्टे को लेकर आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने में विफल रही और कंपनी ने शेयरधारक पुनर्विकास मानदंडों का पालन नहीं किया है।

सेबी ने विशेष रूप से 2007-2017 के बीच कुछ प्रमोटरों को मुंबई में जेके हाउस के पट्टे से जुड़े लेन-देन का उल्लेख किया है।

रेमंड ने 2003 में जेके हाउस में पश्मीना नामक एक संस्था को चार फ्लैट किराए पर दिए थे, जो बाद में रेमंड के प्रमोटर समूह में कुछ लोगों को पट्टे पर दिए गए, जिनमें गौतम सिंघानिया, वीना देवी सिंघानिया, अनंत सिंघानिया और अक्षत सिंघानिया शामिल हैं।

सेबी के कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि 2015-16 में, जब संपत्ति का पुनर्निर्माण किया जा रहा था, तब रेमंड ने वैकल्पिक आवास के रूप में, प्रमोटरों सहित सभी उप-किरायेदारों के किराए का भुगतान किया।

सेबी के अनुसार, प्रवर्तक पश्मीना के साथ उप-पट्टे के लिए प्रति माह 7,500 रुपये का भुगतान कर रहे थे, वहीं रेमंड ने सिंघानिया के वैकल्पिक आवास के लिए प्रति माह 12 लाख रुपये का भुगतान किया।

सेबी के निर्णायक अधिकारी जीवन सोनपरोटे ने कारण बताओ नोटिस में कहा है, “कंपनी ने लगभग 99 फीसदी छूट पर उप-किरायेदारों को वैकल्पिक आवास प्रदान किए हैं। उप-किरायेदारों और कंपनी द्वारा किराए में दी गई असमानता कंपनी के प्रवर्तकों को अनुचित आर्थिक लाभ का संकेत देती है।”

सेबी की लिस्टिंग ऑब्लिगेशन एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स (एलओडीआर) के तहत, सभी संबंधित पार्टी लेन-देन को लेखा समिति की पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता होती है।

रेमंड ने मंगलवार को कहा कि वह अपने कानूनी सलाहकारों के साथ इस मुद्दे के समाधान के लिए काम कर रही है।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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