बिजनेस
बाजार मिले-जुले रुख के साथ बंद
मुंबई, 13 जून (आईएएनएस)| देश के शेयर बाजारों में मंगलवार को मिला-जुला रुख रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 7.79 अंकों की तेजी के साथ 31,103.49 पर और निफ्टी 9.50 अंकों की गिरावट के साथ 9,606.90 पर बंद हुआ। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 4.6 अंकों की गिरावट के साथ 31091.10 पर खुला और 7.79 अंकों या 0.03 फीसदी की बढ़त के साथ 31,103.49 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में सेंसेक्स ने 31260.77 के ऊपरी और 31062.34 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में तेजी रही। बीएसई का मिडकैप सूचकांक 2.11 अंकों की मामूली तेजी के साथ 14798.20 पर और स्मॉलकैप सूचकांक 63.87 की तेजी के साथ 15517.93 पर बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.85 अंकों की गिरावट के साथ 9,615.55 पर खुला और 9.50 अंक या 0.10 फीसदी की तेजी के साथ 9,606.90 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में निफ्टी ने 9,654.15 के ऊपरी और 9,595.40 के निचले स्तर को छुआ।
बीएसई के 19 सेक्टरों में से आठ में तेजी रही। बिजली (0.78 फीसदी), रियल्टी (0.75 फीसदी), उपभोक्ता सेवाएं (0.69 फीसदी), वित्त (0.45 फीसदी) और उपभोक्ता टिकाऊं वस्तुएं (0.33 फीसदी) में तेजी रही।
बीएसई के गिरावट वाले सेक्टरों में सूचना प्रौद्योगिकी (1.00 फीसदी), प्रौद्योगिकी (0.86 फीसदी), धातु (0.83 फीसदी), ऑटो (0.44 फीसदी) और ऊर्जा (0.39 फीसदी) प्रमुख रहे।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
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