Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

बाढ़ के कारण पूर्वोत्तर के लिए रेल सेवाएं 11वें दिन भी ठप

Published

on

Loading

अगरतला/गुवाहाटी, 22 अगस्त (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल और बिहार में आई भीषण बाढ़ के चलते पूर्वोत्तर को देश के शेष हिस्से से जोड़ने वाला रेलमार्ग लगातार 11वें दिन मंगलावर को भी बंद रहा, जिसके चलते पूर्वोत्तर में मूलभूत जरूरतों की चीजों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर के राज्यों के अलावा पश्चिम बंगाल में सात जिलों और बिहार में पांच जिलों में सेवा देने वाला पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) रेल सेवाएं फिर से शुरू करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है।

एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी प्रणव ज्योति शर्मा ने कहा, असम, उत्तरी बंगाल और उत्तरी बिहार में आई भीषण बाढ़ के चलते पूर्वोत्तर को देश के शेष हिस्से से जोड़ने वाला रेलमार्ग 12 अगस्त से ही बंद पड़ा है।

देश के अन्य हिस्सों से पूर्वोत्तर के लिए जाने वाली सभी रेलगाड़ियां उत्तरी बंगाल के जलपाईगुड़ी स्टेशन और बिहार के कटिहार स्टेशन से होकर गुजरती हैं।

रेलवे अधिकारी ने बताया कि बिहार के किशनगंज, कटिहार और अररिया जिलों में रेल नेटवर्क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है।

शर्मा ने कहा, इंजीनियरों द्वारा व्यक्त अनुमान के मुताबिक, 28 अगस्त से पहले रेल नेटवर्क को पूरी तरह शुरू नहीं किया जा सकता।

एनएफआर के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि रेलगाड़ियों के रद्द होने और उसके चलते टिकटों की वापसी से रेलवे को अब तक 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

अधिकारी ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया, अब तक इसका अनुमान तो नहीं लगाया गया है, लेकिन एनएफआर को बाढ़ के कारण रेल संपत्तियों को पहुंची क्षति के कारण 500 से 600 करोड़ रुपये का और नुकसान हो सकता है।

असम के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अधिकारी ने एनएफआर के साथ कई बैठकें कीं और खाद्यान्न, मूलभूत जरूरत के सामान एवं दूसरी महत्वपूर्ण वस्तुओं के परिवहन के विकल्पों पर विचार-विमर्श किया।

त्रिपुरा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री भानूलाल साहा ने कहा कि वह देश के शेष हिस्सों से त्रिपुरा में जरूरी वस्तुएं लाने के लिए एनएफआर से संपर्क बनाए हुए हैं।

Continue Reading

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

Published

on

By

Loading

हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

Continue Reading

Trending