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मुख्य समाचार

बाबरी मामले में आडवाणी-जोशी समेत भाजपा नेताओं के खिलाफ सुनवाई टली

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश के मामले में सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी। शीर्ष अदालत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की इस याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें वरिष्ठ भाजपा नेताओं पर विध्वंस में साजिश रचने से जुड़े आरोपों को दोबारा लगाए जाने का आग्रह किया गया है।

सीबीआई ने वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह व अन्य के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र के आरोप को फिर से लगाने का आग्रह अपनी याचिका में किया है।

न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने यह कहते हुए मामले की सुनवाई टाल दी कि इसकी सुनवाई दो न्यायाधीशों की पीठ करेगी जिनमें एक वह स्वयं (न्यायमूर्ति घोष) और दूसरे न्यायमूर्ति रोहिटन फाली नारीमन होंगे।

सर्वोच्च न्यायालय सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जो मई 2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर की गई है। इस फैसले में 6 दिसंबर 1992 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 16वीं सदी की मस्जिद के विध्वंस में आडवाणी व अन्य पर आपराधिक षडयंत्र के आरोप को खारिज कर दिया गया था।

सीबीआई की याचिका पर शीर्ष अदालत ने 31 मार्च 2015 को आडवाणी, जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह व अन्य को नोटिस जारी किया था।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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