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बिना इंजन चलती रही अहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस, बाल-बाल बचे यात्री

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भुवनेश्वर , 8 अप्रैल (आईएएनएस)| अहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस के यात्री शनिवार को उस समय बाल-बाल बच गए जब ट्रेन के डब्बे बगैर इंजन के ही कुछ किलोमीटर तक चलते रहे। यह घटना ओडिशा के टिटलागढ़ की है। रेलवे कर्मचारियों ने इंजन से अलग हुए ट्रेन के हिस्से को पटरी पर पत्थरों रखकर रोका।

इस्ट कोस्ट रेलवे (ईसीओआर) के अधिकारियों ने इंजन के दो चालकों और रेलगाड़ी की मरम्मत करने वाले तीन कर्मचारियों को काम में लापरहवाही के लिए निलंबित कर दिया है।

बताया गया है कि ट्रेन से इंजन अलग करने पर स्किड ब्रेक नहीं लगाए जाने से ट्रेन के डब्बे कुछ किलोमीटर तक बगैर इंजन के ही चलते रहे।

ईसीओआर ने एक बयान में कहा, अहमदाबाद-पुरीएक्सप्रेस के डब्बों के बगैर इंजन के केसिंगा की ओर चलने की घटना सामने आई है। संबंधित कर्मचारियों द्वारा स्किड-ब्रेक का उपयोग नहीं करने की वजह से ऐसा हुआ।

यात्री सुरक्षित बताए जा रहे हैं।

रेलवे ने कहा, जब इंजन को ट्रेन के दूसरे छोर में जोड़ने के लिए डिब्बों से अलग किया जाता है तो उनके पहियों में स्किड ब्रेक यानी कोच को रोककर रखने के लिए प्रयुक्त ब्रेक लगाई जाती है। इस मामले में लगता है कि या तो स्किड ब्रेक लगाई ही नहीं गई या ठीक से नहीं लग पाई। विस्तृत जांच से ही इसका पता चल पाएगा।

ईसीओर के प्रबंध निदेशक उमेश सिंह ने कहा है कि मामले में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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