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बिहार कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा रद्द, सचिव-डीटीपी ऑपरेटर अरेस्ट

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Bihar SSC Examपटना। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की इंटर (12वीं) स्तरीय पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्न-पत्र और उसके उत्तर लीक होने के मामले में अहम सबूत मिलने के बाद बुधवार को परीक्षा रद्द कर दी गई। इस बीच मामले की जांच में जुटी विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने बीएसएससी के सचिव परमेश्वर राम तथा आयोग के डाटा एंट्री ऑपरेटर अविनाश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि मुख्य सचिव की अनुशंसा के बाद सरकार ने बीएसएससी की इंटर स्तरीय पदों के लिए हो चुकी तथा होने वाली परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया है।

इससे पहले पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) नैयर हसनैन खां ने बताया कि एसआइटी की मंगलवार देर रात सचिव के आवास में की गई छापेमारी के दौरान कई अहम सुराग मिलने के बाद उन्हें तथा डाटा एंट्री ऑपरेटर अविनाश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि एसआइटी पूरी तरह सक्रिय है और लगातार संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।

इधर, पुलिस सूत्रों के अनुसार, नवादा जिले के हिसुआ से भी इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

उल्लेखनीय है कि एसआइटी की टीम ने मंगलवार को सुबह से शाम तक इस मामले की छानबीन की और इस दौरान पेपर लीक की प्रारंभिक पुष्टि के बाद आयोग के सचिव परमेश्वर राम के अगमकुआं थाने के भागवत नगर स्थित आवास पर छापेमारी की गई थी।

छापेमारी में कई महत्त्वपूर्ण एसआईटी के हाथ लगे, जिसकी जांच के बाद सचिव को गिरफ्तार कर लिया गया।

गौरतलब है कि आयोग ने इंटर (12वीं) स्तरीय पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा को चार तिथियों में लेने की घोषणा की थी। दो परीक्षाएं 29 जनवरी और पांच फरवरी को हो चुकी है, जबकि अन्य परीक्षाएं 19 फरवरी और 26 फरवरी को होनी थी।

पहले दो चरणों में हुई परीक्षा के प्रश्न-पत्र और उसके उत्तर लीक होने तथा सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भी आयोग ने लीकेज मानने से इंकार कर दिया था। परीक्षार्थी परीक्षा देने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल प्रश्न-पत्रों में एक सेट को सही बताते रहे।

इस क्रम में छात्रों ने सोमवार को परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया था, इस दौरान आक्रोशित छात्रों ने बीएसएससी के सचिव परमेश्वर राम के साथ धक्का-मुक्की भी की थी।

इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया। इसके बाद पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया था।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल बिहार में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित 12वीं के परीक्षा परिणाम के बाद टॉपर्स घोटाला प्रकाश में आया था। इसके बाद समिति के कई अधिकारियों और पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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