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प्रादेशिक

बिहार : चक्रवाती तूफान से अब तक 44 मौतें

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पटना| बिहार के पूर्णिया और मधेपुरा सहित कई जिलों में मंगलवार की रात आए तूफान से मरने वालों की संख्या 44 तक पहुंच गई है। सबसे अधिक पूर्णिया जिले में 32 लोगों की मौत हुई है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्यासजी ने गुरुवार को बताया, “चक्रवाती तूफान से अब तक 44 लोगों की मौत हुई है। बुधवार तक यह आंकड़ा 42 थी। प्रभावित सभी क्षेत्रों में राहत कार्य चलाए जा रहे हैं। तूफान से व्यापक क्षति हुई है, सर्वेक्षण के बाद ही नुकसान का सही आंकड़ा सामने आ सकेगा।”

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, पूर्णिया में सबसे अधिक 32 लोगों की मौत हुई है जबकि मधेपुरा में सात, मधुबनी में तीन तथा सुपौल और सीतामढ़ी में एक-एक लोग असमय काल की गाल में समा चुके हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों को बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण का कार्य जारी है। प्रभावित लोगों की सूची बनाई जा रही है।

उन्होंने कहा, “जिन लोगों के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें भी घर बनाने के लिए सहायता दी जाएगी। फसलों के बर्बादी के लिए भी किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।”

नीतीश ने बताया कि बुधवार की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेलीफोन पर उनसे स्थिति की जानकारी ली थी तथा केंद्र सरकार द्वारा हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह स्थिति का जायजा लेने के लिए बिहार आ सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि राज्य के मधेपुरा, पूर्णिया, सहरसा, सुपौल, कटिहार, सीतामढ़ी किशनगंज, दरभंगा और मधुबनी जिले में चक्रवाती तूफान से व्यापक क्षति हुई है। मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि दी जा रही है।

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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