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बिहार : चुनावी समर बीच ‘नारा युद्ध’

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बिहार, चुनावी समर, 'नारा युद्ध', बिहार विधानसभा चुनाव, सत्तारूढ़ महागठबंधन, भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन

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मनोज पाठक
पटना| बिहार में छिड़े विधानसभा चुनाव के महासंग्राम में एक ओर जहां नेता अपने भाषणों में एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहे हैं, वहीं नारों के जरिए भी न केवल मतदाताओं को आकर्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, बल्कि एक-दूसरे पर निशाना भी साधा जा रहा है। चुनाव में नारों का अपना महत्व है और इसको राजनेताओं और राजनीतिक दलों से बेहतर भला कौन जान सकता है! राजनीतिक दल कम शब्दों में अपनी बात कहने और लोगों के बीच अपनी पैठ बनाने के लिए चुनाव प्रचार के दौरान नारों का सहारा लेते हैं। बिहार विधानसभा के इस चुनाव में भी राज्य के राजनीतिक दल नारों का सहारा ले रहे हैं, ताकि उसके माध्यम से जनता के बीच लोकप्रियता बढ़ाई जा सके। राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और जनता दल (युनाइटेड) में से जद (यू) न केवल प्रचार के मामले में अपने सहयोगी दलों से आगे नजर आ रहा है, बल्कि विपक्षियों पर हमला करने के लिए जद (यू) द्वारा नए-नए नारे गढ़े जा रहे हैं।

महागठबंधन में शामिल सत्ताधारी जद (यू) के नारे : ‘झांसे में न आएंगे, नीतीश को जिताएंगे’, ‘आगे बढ़ता रहे बिहार, फिर एक बार नीतीश कुमार’, ‘बिहार में बहार हो नीतीश कुमार हो।’ महागठबंधन के घटक राजद के नारे : ‘न जुमलों वाली न जुल्मी सरकार, गरीबों को चाहिए अपनी सरकार’, ‘युवा रूठा, नरेंद्र झूठा’ तथा ‘युवा-युवती भरे हुंकार कहां गया हमारा रोजगार।’ महागठबंधन की तीसरी घटक कांग्रेस चुनाव प्रचार के मामले में भले कमजोर नजर आ रही हो, लेकिन भाजपा पर हमला बोलने के लिए उसने एक लंबे नारे का सहारा लिया है : ‘सूट-बूट और जुमला छोड़, थामकर कांग्रेस की डोर, चला बिहार विकास की ओर।’

भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) भी चुनावी नारे गढ़ने में पीछे नहीं है। ‘अपराध भ्रष्टाचार और अहंकार, क्या इस गठबंधन से बढ़ेगा बिहार’, ‘हम बदलेंगे बिहार, इस बार भाजपा सरकार’, ‘तेज विकास की चली पुकार अबकी बार भाजपा सरकार’ तथा ‘बिहार के विकास में अब नहीं बाधा, मोदी जी ने दिया है वादे से ज्यादा’ जैसे नारों के साथ भाजपा मतदाताओं में पैठ बनाने की कोशिश में है। महागठबंधन पर तंज कसते हुए भाजपा ने एक और नारा गढ़ा है ‘भाजपा करेगी पहला काम जंगलराज पर पूर्ण विराम।’

राजग के घटक दल में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) भी अपने नेताओं के नेतृत्व में नारा देते हुए मतदाताओं को रिझाने में जुटी है। लोजपा ‘ये ही चिराग है जो घर-घर रोशन करेगा, आओ चलें चिराग के साथ मिलकर बनाएं नया बिहार’ के जरिए चुनाव मैदान में उतर चुकी है। राजग में शामिल अन्य दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने ‘नया बिहार बनाएंगे, लालू-नीतीश को भगाएंगे’ के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने की जुगत में है।

छह वामपंथी दलों के साथ मिलकर वाम मोर्चा बनाकर चुनाव मैदान में उतरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी -लेनिनवादी) ने वामपंथ का झंडा बुलंद करते हुए ‘न मोदी न नीतीश सरकार वामपंथ की है दरकार’ तथा ‘मोदी-नीतीश धोखा है, परिवर्तन का मौका है’ जैसे नारों से अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने की कवायद में जुटी है। बहरहाल, राज्य में चुनाव प्रचार अब धीरे-धीरे जोर पकड़ता जा रहा है और किस पार्टी का नारा मतदाताओं को सबसे ज्यादा आकर्षित करता है, यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा। उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए पांच चरणों में 12 अक्टूबर से पांच नवंबर के बीच मतदान होगा। सभी सीटों के लिए मतगणना दिवाली से ठीक तीन दिन पहले आठ नवंबर को होगी।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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