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बिहार, झारखंड, ओडिशा सहित पूर्वोत्तर में ओले की आशंका

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नई दिल्ली, 7 अप्रैल (आईएएनएस)| मौसम विभाग ने शनिवार से लेकर अगले पांच दिनों तक देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर इलाकों में मौसम में भारी बदलाव के संकेत दिए हैं। विभाग की ओर से शनिवार को जारी पांच दिनों के मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक, मेघालय में भारी बारिश और बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, असम, नागालैंड, मिजोरम और त्रिपुरा में तेज आंधी के साथ बिजली कड़कने और ओलावृष्टि की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की ओर से जारी बयान के मुताबिक, सात अप्रैल को मेघालय में जगह-जगह भारी बारिश हो सकती है। इसके साथ ही बंगाल, झारखंड, बिहार, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में बादल गरजे के साथ बारिश व ओले पड़ने की संभावना है।

मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश और पंजाब में भी कड़क के साथ आंधी की संभावना जताई है।

साथ ही, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, दक्षिण कोंकण, गोवा, भीतरी तमिलनाडु, केरल, भीतरी व तटीय कर्नाटक, विदर्भ, छत्त्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, और पूर्वी मध्यप्रदेश में जगह-जगह धूलभरी आंधी और बिजली तड़कने की संभावना है।

नौ अप्रैल को जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश के उत्तरी हिस्से, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में भी मौसम कुछ ऐसा ही रहेगा।

इसके बाद 11 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के उप हिमालय क्षेत्र, सिक्किम, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी बादल गरजने के साथ तूफान आने की संभावना है।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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