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बिहार में नए इलाकों की ओर बढ़ रहा बाढ़ का पानी

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बिहार

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बिहार पटना| बिहार में गंगा तट पर बसे 12 जिलों में बाढ़ का कहर जारी है। बाढ़ का पानी कई अन्य इलाकों में भी फैल रहा है। गंगा नदी के जलस्तर में हालांकि कमी दर्ज की जा रही है, लेकिन शुक्रवार को कई स्थानों पर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहा। सोन नदी के जलस्तर में एक बार फिर वृद्घि दर्ज की गई।

बिहार के 12 जिलों के 73 प्रखंडों के 1,934 गांव की 31़ 33 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ से अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है।
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, शुक्रवार को गंगा के जलस्तर में कमी आई है। पटना के गांधीघाट पर गंगा के जलस्तर 50़ 01 मीटर तथा दीघाघाट में 51़ 58 मीटर दर्ज किया गया। गांधी घाट में गुरुवार को गंगा का जलस्तर 50.13 मीटर रहा।

गौरतलब है कि बिहार में गंगा नदी के उफान पर होने के कारण बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। बाढ़ का पानी धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों में भी प्रवेश कर रहा है। पटना, वैशाली, भोजपुर और सारण जिला के दियारा क्षेत्र (नदी किनारे मैदानी इलाके) बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं।

पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, रोहतास जिले के इंद्रपुरी बैराज में सोन नदी के जलस्तर में शुक्रवार को वृद्घि दर्ज की गई। इंद्रपुरी बैराज के पास सोन नदी का जलस्तर सुबह नौ बजे 1,80,174 क्यूसेक था। इसके एक घंटे बाद 10 बजे तक नदी का जलस्तर 1,80,981 क्यूसेक हो गया।

गंगा नदी बक्सर, दीघा, गांधीघाट, हाथीदह, भागलपुर और कहलगांव, बूढ़ी गंडक नदी खगड़िया, घाघरा नदी गंगपुर सिसवन (सीवान) और पुनपुन नदी श्रीपालपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में लाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 3़ 44 लाख लोगों को बाढ़ प्रभावित स्थानों से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है, जिनमें से 1़ 74 लाख लोगों को 433 राहत शिविरों में रखा गया है। इसके अलाव 108 पशु शिविर भी खोले गए हैं।

बाढ़ प्रभावित इलाकों में 2,333 नावों का परिचालन किया जा रहा है और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) तथा राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें राहत और बचाव कार्यो में लगी हुई हैं।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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