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बिहार : नीतीश के पाला बदलते ही सांसद अली अनवर हुए बागी

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पटना, 27 जुलाई (आईएएनएस)| बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल (युनाइटेड) की दोस्ती भले टूट गई हो, लेकिन दोनों दलों में इसे लेकर बगावती सुर उठने लगे हैं। राजद के एक विधायक ने जहां महागठबंधन टूटने के लिए राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद और और उनके पुत्र पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को जिम्मेदार बताया है, वहीं जद (यू) के सांसद अली अनवर ने पार्टी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने के निर्णय पर ‘बागी’ हो गए हैं। जद (यू) के राज्यसभा सांसद अली अनवर ने गुरुवार को नीतीश कुमार के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा, नीतीश कुमार ने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर इस्तीफा दिया और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना रहे हैं, लेकिन मेरा जमीर इस फैसले को नहीं मानता। मैं इस फैसले से खुश नहीं हूं। मुझे मौका मिला तो मैं अपनी बात पार्टी फोरम पर जरूर रखूंगा।

उन्होंने कहा, पिछले काफी दिनों से इस तरह के संकेत मिल रहे थे। जुलाई में ही राष्ट्रीय कार्य कार्यकारिणी की बैठक होनी थी, लकिन इसे आगे बढ़ा दिया गया है। अगर बैठक होगी तो इस बात को जरूर उठाऊंगा। उन्होंने कहा कि यह फैसलाा जनादेश का अपमान है।

जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने सांसद के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी का यह निर्णय सर्वसम्मति से हुआ है, जिससे इस फैसले को लेकर नाराजगी है, उसे पार्टी फोरम में बात उठानी चाहिए।

राजद के गायघाट के विधायक महेश्वर यादव ने गठबंधन टूटने के लिए पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके पुत्र पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को जिम्मेदार बताया है।

गायघाट से राजद विधायक महेश्वर यादव ने गुरुवार को यहां पत्रकारों से कहा, महागठबंधन लालू प्रसाद के पुत्र मोह और उनकी और तेजस्वी की जिद के कारण टूटा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा तेजस्वी यादव पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अगर इस्तीफा दे दिया जाता तो गठबंधन नहीं टूटता।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक आदत है कि वे अपने मंत्रिमंडल में दागी चेहरे को नहीं रखते हैं। उन्होंने तेजस्वी के इस्तीफे के लिए 14 दिनों तक इंतजार किया। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात की, लेकिन जब बात नहीं बनी तब वे महागठबंधन तोड़कर निकल गए।

उन्होंने दावा किया कि उनकी जैसी सोच राजद के कई और विधायकों की भी है। आगे की योजना के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मिल बैठकर आगे की योजना तय की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि नीतीश ने बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद 20 महीने पुरानी महागठबंधन सरकार गिर गई। इसके बाद भजपा ने नीतीश को समर्थन देने की घोषणा की है। नीतीश गुरुवार को छठी बार गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।

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प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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