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बिहार: परीक्षा में शामिल हुए साक्षात भगवान गणेश, सभी हैरान

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दरभंगा | बिहार के एक विश्वविद्यालय के स्नातक वाणिज्य की परीक्षा में भगवान गणेश शामिल होंगे। यह सुनकर आपको भले आश्चर्य हो रहा होगा, परंतु यह हकीकत है।

दरभंगा के ललित नारायण विश्वविद्यालय के एक छात्र के एडमिट कार्ड पर न केवल भगवान गणेश की तस्वीर चिपकाई गई है, बल्कि गण्ेाश नाम से हस्ताक्षर भी बना दिए गए हैं। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन इस गलती के लिए साइबर कैफे को जिम्मेदार बता रहा है।

विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक, ललित नारायण विश्वविद्यालय के ज़े एऩ के. कॉलेज, नेहरा के स्नातक (प्रथम भाग) के छात्र कृष्ण कुमार रॉय ने नियम के अनुसार अपना परीक्षा फॉर्म साइबर कैफे से ऑनलाइन भरा था। छात्र ने जब एडमिट कार्ड डाउनलोड किया तो उसकी तस्वीर के स्थान पर भगवान गणेश की तस्वीर थी। छात्र ने तब इसकी शिकायत कॉलेज प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन से की।

इधर, विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ़ कुलानंद यादव ने शुक्रवार को बताया कि एडमिट कार्ड जारी करने में विश्वविद्यालय से कोई गलती नहीं हुई है, बल्कि छात्र ने जिस साइबर कैफे से परीक्षा का फॉर्म भरा था, गड़बड़ वहां से हुई है।

उन्होंने बताया कि इस छात्र के विषय की परीक्षा नौ अक्टूबर से प्रारंभ होनी है। छात्र के एडमिट कार्ड की त्रुटि को ठीक कर दिया गया है और छात्र परीक्षा में शामिल हो पाएगा।

विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक, संबंधित कॉलेज के प्राचार्य द्वारा एडमिट कार्ड की जांच के बाद ही एडमिट कार्ड जारी किया जाता है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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