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प्रादेशिक

बिहार बंद का व्यापक असर, छात्रों पर लाठीचार्ज

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पटना। बिहार में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई और नियोजित शिक्षकों ने अलग-अलग मुद्दों को लेकर सोमवार को बिहार बंद का आह्वान किया, जिसका यातायात पर प्रतिकूल असर पड़ा। राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहे पर पुलिस और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के प्रदर्शनकारी सदस्यों के बीच झड़प हो गई। इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

अभाविप के सदस्यों ने बीते गुरुवार को पटना में अपने साथियों पर हुए लाठीचार्ज और पुलिस की गोलीबारी के विरोध में बिहार बंद का आह्वान किया, जबकि नियोजित शिक्षकों ने वेतनवृद्धि सहित अन्य मांगों को लेकर बंद की घोषणा की। प्रदर्शनकारी विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर रेलगाड़ियों को निशाना बनाया, वहीं कई स्थानों पर सड़क जाम कर प्रदर्शन भी किया। राजधानी पटना सहित राज्य के कई हिस्सों में बंद समर्थक छात्र सुबह से ही सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करते रहे। प्रदर्शनकारी छात्रों ने पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर झाझा-पटना पैसेंजर ट्रेन और आरा रेलवे स्टेशन पर मालदा एक्सप्रेस को रोक दिया। औरंगाबाद में बंद समर्थकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 को जाम कर दिया।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने पटना विश्वविद्यालय और शहर के नामी होटलों को भी बंद करवा दिया व वाहनों में तोड़फोड़ की। उग्र छात्रों का हुजूम शहर के विभिन्न क्षेत्रों से होता हुआ डाक बंगला चौराहे पहुंचा और यातायात बाधित कर दिया। इस बीच पुलिस के पहुंचने के बाद प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और कुछ छात्रों को हिरासत में लिया।

इधर, बिहार पंचायत नगर प्राथमिक शिक्षक संघ के बंद के आह्वान पर सोमवार को स्कूलों में तालाबंदी कर शिक्षक सड़कों पर उतर आए। शिक्षक संघ के प्रतिनिधि हालांकि 23 मार्च से ही पटना के आर ब्लॉक चौराहे पर अनशन कर रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बंद के दौरान कुछ छात्र नेताओं को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने हिरासत में लिए गए छात्रों की संख्या नहीं बताई। गया, भागलपुर, सहरसा और मधेपुरा में भी बंद का व्यापक असर देखा जा रहा है। बिहारशरीफ और नवादा में बंद समर्थकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला फूंका तथा सड़कों पर आगजनी कर यातायात रोकी। अभाविप के बंद का लोक जनशक्ति पार्टी की छात्र इकाई ने भी समर्थन किया है।

अभाविप के प्रदेश मंत्री भरत सिंह जोशी ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने शिक्षा को चौपट कर दिया है। इसमें सुधार की मांग करते हुए उन्होंने कहा, “शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर जब लोग सड़कों पर उतरे तो उन्हें पुलिस से पिटवाया गया। छात्रों को गिरफ्तार भी किया गया।” अभाविप के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पप्पू वर्मा ने बंद को पूरी तरह सफल रहने का दावा किया और कहा कि बंद का सभी वर्गो ने समर्थन किया है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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