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बिहार को विशेष पैकेज के अलावा मिलेंगे 3.74 लाख करोड़ रुपए : मोदी

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भागलपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां मंगलवार को कहा कि अगले पांच वर्षों में बिहार को विशेष पैकेज के अलावा 3.74 लाख करोड़ रुपये मिलने वाले हैं। यहां पार्टी की ‘परिवर्तन रैली’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में 25 वर्षों तक राज करने वालों को विधानसभा चुनाव में अपने ‘कारनामों’ का हिसाब देना चाहिए, लेकिन वे केंद्र सरकार से हिसाब मांग रहे हैं।

भागलपुर के हवाईअड्डा मैदान में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार और राज्यों के बीच पैसे का बंटवारा वित्त आयोग तय करता है। 14वें वित्त आयोग के अनुसार, आने वाले पांच वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा बिहार को तीन लाख 74 हजार करोड़ रुपये मिलने वाले हैं। यह राशि बिहार को मिले विशेष पैकेज से अलग होगा। ऐसे में बिहार को पौने चार लाख करोड़ राज्य की तिजोरी में आने वाली है।

नीतीश द्वारा आगामी पांच वर्ष के घोषणा पत्र (योजनाओं) पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए मोदी ने कहा कि कि केंद्र सरकार द्वारा 1.25 लाख करोड़ रुपये का बिहार को पैकेज देने के बाद 25 वर्ष तक संप्रदाय और जाति का जहर फैलाने वालों को भी मजबूरन 2 लाख 70 हजार करोड़ रुपये का विकास पैकेज लेकर आना पड़ा। विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़े जाने की वकालत करते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के पैकेज के बाद राज्य सरकार का पैकेज इसे बिहार का ही फायदा होना है। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली सरकार और राज्यों के बीच विकास की स्पर्धा होनी चाहिए।’

मोदी ने हालांकि नीतीश के इस पैकेज को जनता के लिए छलावा बताते हुए कहा कि राज्य का बजट ही 50-55 हजार करोड़ होता है तो पांच वर्ष में यही खर्च करीब 2.70 लाख करोड़ तक पहुंचेगा। उन्होंने नीतीश और लालू पर निशाना साधते हुए कहा, “नीतीश ने केंद्र सरकार से मिलने वाले पैसों की भी घोषणा अपने पैकेज में नहीं की। केंद्र से मिलने वाली राशि कहां जाएगी? क्या चारा के लिए पहुंचाया जाएगा?”

मोदी ने पटना के गांधी मैदान में महागठबंधन द्वारा रविवार को आयोजित ‘स्वाभिमान रैली’ को ‘तिलांजलि सभा’ बताते हुए कहा कि इस रैली में जय प्रकाश, राम मनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर के आदर्शो को उनके ही चेलों ने तिलांजलि दे दी। किसी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि लोहिया जीवनभर कांग्रेस के खिलाफ लड़ते रहे। देश को बचाने के लिए जेलों में पहुंचते रहे, परंतु उनके चेले, सत्ता की खातिर राममनोहर लोहिया को छोड़कर गांधी मैदान में उनके साथ बैठे थे, जिनका लोहिया ने जीवनभर विरोध किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई छेड़ी थी, तब कांग्रेस की सरकार ने जेपी को जेल में बंद कर दिया था। पूरे देश को जेलखाना बना दिया था, जेपी की जेल में ऐसी हालत की गई कि बीमार हो गए और हमें उन्हें खोना पड़ा।” उन्होंने कहा कि आज उन्हीं के चेले उसी कांग्रेस के लोगों के उन्हीं के साथ उसी गांधी मैदान में बैठे थे, जहां से उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू की थी।

मोदी ने स्वाभिमान रैली में विकास योजना की बात न किए जाने पर तंज कसते हुए कहा कि रैली में ऐसी कोई बात नहीं हुई कि वोट क्यों देना चाहिए। सभी की एक ही बात थी, मोदी मोदी। उन्होंने कहा, “राजग की सभाओं और विदेशों में लोग तो मोदी मोदी करते हैं, लेकिन हैरान था कि ये भी मोदी मोदी कर रहे थे।” रविवार को गांधी मैदान में जनता दल (युनाइटेड), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के महागठबंधन ने ‘स्वाभिमान रैली’ का आयोजन किया था, जिसमें सोनिया गांधी, लालू प्रसाद, नीतीश कुमार, शरद यादव, मीरा कुमार, गुलाम नबी आजाद सहित कई नेताओं ने हिस्सा लिया था।

मोदी ने कहा, “बिहार में विधानसभा चुनाव होना है। जिन्होंने 25 साल से बिहार पर राज किया है, उन लोगों को अपने कामकाज का हिसाब देना चाहिए। 2019 में जब लोकसभा चुनाव होगा, तो मैं फिर से आप लोगों के बीच वोट मांगने आऊंगा और मैं अपने पांच साल के काम का, हर पल का हिसाब दूंगा।” मोदी ने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए बिहार सरकार को 521 करोड़ दिए, राज्य सरकार वह भी खर्च नहीं कर पाई। ऐसी सरकार को हटाना चाहिए।

उन्होंने 14 महीने बाद बिहार की याद आने संबंधी विपक्षियों की बात पर पलटवार करते हुए कहा कि नेपाल के भूकंप के समय बिहार के मुख्यमंत्री को उन्होंने ही फोन किया था और बिहार के हालात की जानकारी ली थी। उस समय बिहार के हर जिले की चिंता मुख्यमंत्री ने नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री ने किया था। इसी तरह नेपाल से आने वाली बाढ़ के समय भी केंद्र सरकार के समय से पहले जागने और ‘बिहार प्रेम’ के कारण ही यहां की धरती को डूबने से बचा लिया गया।

नीतीश पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2015 तक सबको बिजली देने का वादा किया था, पर क्या सबको बिजली मिली? उन्होंने वादाखिलाफी की। प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे मुख्यमंत्री से पिछले 25 वर्षो का हिसाब मांगें।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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