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प्रादेशिक

बिहार में श्रमिक संगठनों के हड़ताल से जनजीवन प्रभावित

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बिहार

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बिहारपटना| केंद्र सरकार की ‘श्रमिक विरोधी’ नीतियों के खिलाफ शुक्रवार को प्रमुख केंद्रीय श्रम संगठनों की देशव्यापी हड़ताल का असर बिहार में भी देखा जा रहा है। राज्य की राजधानी पटना सहित विभिन्न इलाकों में बैंकिंग और परिवहन क्षेत्र से जुड़े तमाम संगठनों के हड़ताल पर जाने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

हड़ताल में शामिल श्रमिक संगठनों से जुड़े लोग सुबह से ही सड़कों पर उतर आए। इस क्रम में बंद समर्थकों ने कई जगहों पर रेल पटरियों को जाम कर दिया। पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में भी बंद समर्थक सुबह ही सड़कों पर उतर आए और जुलूस निकाल सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। ऑटो और नगर बस सेवा बंद होने की वजह से शहरी परिवहन अस्त-व्यस्त हो गया है।

बांका और मधुबनी में बंद समर्थकों ने रेल पटरियों को जाम कर दिया, जिससे ट्रेनों के आवागमन पर प्रतिकूल असर देखा गया। पटना के मसौढ़ी रेलवे स्टेशन पर वामपंथी दलों ने पलामू एक्सप्रेस को एक घंटे तक रोके रखा। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने बंद समर्थकों को वहां से हटाया। दरभंगा रेलवे स्टेशन पर भी कर्मचारियों ने ट्रेनों का आवागमन अवरुद्घ किया और नारेबाजी की।

बिहार बैंक कर्मचारी यूनियन के संजय तिवारी ने बताया कि हड़ताल के कारण राज्य के 6,692 बैंकों में काम ठप पड़ा हुआ है। बैंक के सामने कर्मचारियों ने धरने पर बैठकर केंद्र सरकार की ‘श्रमिक विरोधी’ नीतियों के खिलाफ नारे लगाए।

इधर, जहानाबाद, पूर्णिया, भागलपुर सहित विभिन्न जिला मुख्यालयों में हड़ताल के समर्थन में कर्मचारियों ने जुलूस निकाला। ऑटो रिक्शा चालक संघों, सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन, आशा व आंगनवाड़ी संघ तथा संविदा पर काम कर रहे संगठनों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।

ऑटो और बस सेवा बंद होने के कारण स्कूल जाने वाले बच्चों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई बच्चे हड़ताल के कारण स्कूल नहीं जा सके। बंद को देखते हुए पटना में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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