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बुंदेलखंड के नंदनपुर में घरों में नहीं लगते ताले !

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टीकमगढ़, 11 मार्च (आईएएनएस)| यह बात आपको कुछ अचरज में डाल सकती है कि बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले में नंदनपुर (गोर) एक ऐसा गांव है, जहां न तो पुलिस की जरूरत है और न ही यहां चोरों का खौफ है। यही कारण है कि इस गांव के लोग बाहर जाने पर भी घरों में ताले लगाना जरूरी नहीं समझते।

टीकमगढ़ जिले के मोहनगढ़ थाने के अंतर्गत आता है नंदनपुर (गोर)। यादव बाहुल्य इस गांव में लगभग 50 घर हैं और आबादी लगभग 300 है। यहां के हर घर में बोरवेल है। लोगों ने रिचार्ज तकनीक को अपना रखा है जिससे जल संकट नहीं है। फसलों की पैदावार ठीक है और आपसी सामंजस्य भी है। यहां पर शराबबंदी और मांस बंदी पूरी तरह है। इस गांव को कई वर्षो से किसी भी तरह की पुलिस सहायता नहीं पड़ी।

गांव के भागीरथी यादव (64) बताते हैं, पूर्वजों से सुना और उन्होंने स्वयं खुद देखा है कि उनके गांव में कभी झगड़ा नहीं हुआ अगर छोटा-मोटा झगड़ा हो भी जाता है तो उसे गांव के लोग आपस में निपटा लेते हैं और गांव में कोई भी शराब नहीं पीता है, इतना ही नहीं यहां मुर्गी-मुर्गा पालने से लेकर अंडा तक का उपयोग नहीं होता है।

वह कहते हैं, समस्या की सबसे बड़ी जड़ शराब है। पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा के कारण ही वर्तमान दौर में भी कोई शराब नहीं पीता। मांस का सेवन भी नहीं करता। सभी का जोर खेती पर है। बुंदेलखंड सूखा ग्रस्त है, मगर यहां पानी की ज्यादा तंगी नहीं है, फसलों की खेती भी आसानी से हो रही है क्योंकि गांव के लोगों ने रिचार्ज करने की तकनीक को अपनाया है।

गांव की बुजुर्ग विमला देवी (60) कहती हैं कि उनके गांव में शराब, मांस आदि का उपयोग न होने के कारण शांति का माहौल रहता है। महिलाओं को किसी बात की दिक्कत नहीं होती। यहां न तो छेड़छाड़ की घटनाएं होती है और न ही मारपीट की। आसपास के गांव में भले ऐसा होता रहे मगर उन्होंने अपने जीवन में ऐसा नहीं देखा।

उन्होंने कहा है कि यह गांव ऐसा है जहां पुलिस बुलाने की जरूरत नहीं होती है। लोग जब घर से बाहर जाते हैं तो ताला तक लगाना जरूरी नहीं समझते क्योंकि यहां कोई बदमाश प्रवृत्ति का है ही नहीं इसलिए चोरी का कोई डर नहीं।

मोहनगढ़ थाने के प्रभारी गिरिजा शंकर वाजपेयी ने आईएएनएस को बताया, मेरी अभी हाल ही में यहां पदस्थापना हुई है, मगर यह बात सही है कि नंदनपुर में विवाद कम होते हैं। अब से दो साल पहले 2016 में यहां केवल एक झगड़े का मामला सामने आया था।

गांव के युवा हरी सिंह (30) कहते है, पूर्वजों से मिले संस्कारों का असर हर वर्ग पर है। यहां लोग नियमित रुप से रामायण पढ़ते हैं। पढ़ाई पर भी ध्यान दिया जाता है। आपसी भाईचारा कायम है। यहां न तो चोरी होती है और न ही आज तक डकैती हुई। स्थिति यह है कि लोग दूसरे को बताकर अपने घर में बगैर ताले लगाए चले जाते हैं।

चंदन सिंह के अनुसार, इस गांव में आपसी भाईचारा है। खेती में आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जाता है। यहां परमार्थ समाजसेवी संस्थान के विषेषज्ञ जैविक खेती के लिए प्रशिक्षित करते हैं और किसान उसी के आधार पर खेती करते हैं जिससे गांव में खुशहाली आए।

बुंदेलखंड की पहचान कभी डकैत प्रभावित इलाके के तौर पर रही है। अब डकैत तो नहीं हैं मगर अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। महिला अत्याचार के मामले में भी इलाका चर्चाओं में रहता है मगर नंदनपुर (गोर) जैसे गांव वीराने में खुशहाली का सुखद संदेश देते नजर आते हैं।

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टेनिस : दुबई चैम्पियनशिप में सितसिपास ने मोनफिल्स को हराया

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 दुबई, 1 मार्च (आईएएनएस)| ग्रीस के युवा टेनिस खिलाड़ी स्टेफानोस सितसिपास ने शुक्रवार को दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में फ्रांस के गेल मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया।

  वर्ल्ड नंबर-11 सितसिपास ने वर्ल्ड नंबर-23 मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में 4-6, 7-6 (7-4), 7-6 (7-4) से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया।

यह इन दोनों के बीच दूसरा मुकाबला था। इससे पहले दोनों सोफिया में एक-दूसरे के सामने हुए थे, जहां फ्रांस के खिलाड़ी ने सीधे सेटों में सितसिपास को हराया था। इस बार ग्रीस के खिलाड़ी ने दो घंटे 59 मिनट तक चले मुकाबले को जीत कर मोनफिल्स से हिसाब बराबर कर लिया।

फाइनल में सितसिपास का सामना स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और क्रोएशिया के बोर्ना कोरिक के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। सितसिपास ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन में फेडरर को मात दी थी।

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