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बुरे समय में परिवार और कोच ने काफी मदद की : मेहुली

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नई दिल्ली, 19 अप्रैल (आईएएनएस)| इसी साल विश्व कप में कांस्य और फिर इसी महीने राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने वाली भारत की युवा महिला निशानेबाज मेहुली घोष के लिए इस सफर की शुरूआत अच्छी नहीं रही थी।

मेहुली के जीवन में ऐसा दौर भी था जब वह तनाव ग्रस्त थीं, लेकिन परिवार और कोच जॉयदीप करमाकर की मदद से यह युवा निशानेबाज उस दौर को पार करने में सफल रहीं। भारत लौटने पर 16 वर्षीया इस निशानेबाज ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में अपने उस तनावग्रस्त दौर से पदक विजेता निशानेबाज बनने तक के सफर पर बात की।

निशानेबाजी की शुरूआत में अभ्यास के दौरान मेहुली की गोली से एक दर्शक चोटिल हो गया था। इसके बाद मेहुली तनाव से घिर गई थीं। परिवार और कोच की मदद से वह इस दौर से बाहर निकलने में सफल रहीं और अब सफलता पर सफलता हासिल कर रही हैं।

उन्होंने इसी साल मैक्सिको में हुए आईएसएसएफ विश्व कप में दो कांस्य पदक जीते और इसी महीने आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित किए गए 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में वह रजत पदक जीतने में सफल रहीं।

17 साल की मेहुली ने कहा, वो मेरा अतीत था। मैं बस उसे भूल रही हूं। वो सफर रोचक होने के साथ मुश्किल भी था। बस उस दौरान मैंने हार नहीं मानी और मुझे लगता है कि किसी भी खिलाड़ी को हार नहीं माननी चाहिए। मैंने बस अपनी मानसिक स्थिति पर ध्यान दिया और इसमें मेरे कोच और परिवार ने काफी मदद की।

मेहुली ने 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में रजत हासिल किया। मेहुली का मानना है कि उन्हें आगे अपने लक्ष्य पर और ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि हर टूर्नामेंट नया होता है।

बकौल मेहुली, विश्व कप में भी मैंने कांस्य जीता था और राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक। मेरे लिए यह अच्छा है, लेकिन मुझे आगे एकाग्र रहना है, क्योंकि हर टूर्नामेंट की शुरूआत शून्य से होती है। इसलिए मुझे हर शॉट में अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा। आखिरी तक लड़ना होगा।

फाइनल में मेहुली ने अपने से कई अनुभवी निशानेबाज अपूर्वी चंदेला को मात देकर पदक जीता था। अपूर्वी के हिस्से कांस्य आया था। यह पूछे जाने पर कि क्या अपूर्वी जैसी हमवतन अनुभवी निशानेबाज के रहने से वो थोड़ा दबाव में थी, तो उन्होंने कहा, मैं इस तरह से नहीं सोच रही थी कि अपूर्वी दीदी हैं और अन्य लोग हैं। मेरा ध्यान सिर्फ अपने खेल पर था। मैं अपनी तकनीक पर ध्यान दे रही थी, मैं अगले शॉट में क्या करूं मैं इस पर ध्यान दे रही थी। मेरा ध्यान स्कोर, रैंक किसी पर नहीं था।

मेहुली ने शूटऑफ में रजत पदक जीता, लेकिन शूटऑफ से पहले जब उन्होंने आखिरी शॉट लगाया तो वह खुशी मनाने लगी थीं और अपनी जगह भी छोड़ दी थी।

इस पर इस युवा निशानेबाज ने कहा, मेरा आखिरी शॉट 10.9 का था। मुझे लगा यही आखिरी है इसके बाद मुझे नहीं लगा था कि शूट ऑफ होगा। इसलिए मैंने अपनी जगह भी छोड़ दी और हाथ हिलाने लगी जो मुझे नहीं करना चाहिए था फिर मैं अपनी जगह पर वापस आई। मेरे लिए यह भविष्य को ध्यान में रखते हुए बड़ी सीख थी। मैं कोशिश करूंगी की आगे ऐसा न करूं।

मेहुली भारत की बैडमिंटन स्टार पी.वी. सिंधु को अपना आदर्श मानती हैं। विश्व कप जीतने से बाद जब वह भारत लौटी थीं तब उन्हें उम्मीद थी कि सिंधु उन्हें फोन करेंगी। उनकी यह उम्मीद राष्ट्रमंडल खेलों से पहले पूरी हुई और खेलों के दौरान मेहुली अपनी आदर्श सिंधु से मिलने में भी सफल रहीं।

इस पर मेहुली ने कहा, राष्ट्रमंडल खेलों से पहले उनका फोन आया था। मैं उस समय दिल्ली में थी। उस समय उन्होंने फोन नहीं किया क्योंकि उनका टूर्नामेंट था। जब मैं दिल्ली में कैम्प में थी तब उनका फोन आया था। उन्होंने कहा था कि फोकस रहो यह सिर्फ शुरूआत है। आप काफी युवा हो आगे काफी कुछ आएगा। बहुत कुछ बदलाव जिंदगी में भी होंगे। इसलिए आपको समय के साथ ढलना सीखना होगा और फोकस रहना होगा। बस अभी जो सफलता मिल रही है उसके साथ बह मत जाना।

उन्होंने कहा, हम कुछ ही देर के लिए उद्घाटन समारोह के दौरान मिले थे और मैंने उनके साथ एक फोटो खिंचवाई।

आने वाले दिनों में एशियाई खेल हैं, विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट हैं। इन सभी को ध्यान में रखते हुए मेहुली तैयारी में जुटी हैं, लेकिन वह सबसे ज्यादा ध्यान मानसिक तैयारी पर ध्यान दे रही हैं। इसके लिए वो वही करती हैं जो उनको कोच कहते हैं।

उन्होंने कहा, मुझे संगीत सुनना पसंद है। मैं इस बारे में अपने कोच जॉयदीप सर से भी बात करती हूं। मुझे उन पर विश्वास है। इसलिए, वह जो कहते हैं वो मैं करती हूं।

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टेनिस : दुबई चैम्पियनशिप में सितसिपास ने मोनफिल्स को हराया

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 दुबई, 1 मार्च (आईएएनएस)| ग्रीस के युवा टेनिस खिलाड़ी स्टेफानोस सितसिपास ने शुक्रवार को दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में फ्रांस के गेल मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया।

  वर्ल्ड नंबर-11 सितसिपास ने वर्ल्ड नंबर-23 मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में 4-6, 7-6 (7-4), 7-6 (7-4) से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया।

यह इन दोनों के बीच दूसरा मुकाबला था। इससे पहले दोनों सोफिया में एक-दूसरे के सामने हुए थे, जहां फ्रांस के खिलाड़ी ने सीधे सेटों में सितसिपास को हराया था। इस बार ग्रीस के खिलाड़ी ने दो घंटे 59 मिनट तक चले मुकाबले को जीत कर मोनफिल्स से हिसाब बराबर कर लिया।

फाइनल में सितसिपास का सामना स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और क्रोएशिया के बोर्ना कोरिक के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। सितसिपास ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन में फेडरर को मात दी थी।

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