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बैडमिंटन : सायना ने 2 साल बाद जीता बीडब्ल्यूएफ खिताब

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जकार्ता, 27 जनवरी (आईएएनएस)| वल्र्ड नंबर-9 भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने रविवार को यहां इंडोनेशिया मास्टर्स का खिताब अपने नाम किया। पिछले दो वर्षो में सायना का यह पहला बीडब्ल्यूएफ खिताब है। सायना ने इससे पहले 2016 में बीडब्ल्यूएफ सुपर सीरीज आस्ट्रेलियन ओपन खिताब जीता था।

टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में सायना की प्रतिद्वंद्वी स्पेन की कैरोलिना मारिन चोट के कारण रिटायर्ड हर्ट हो गई और भारतीय खिलाड़ी को विजेता घोषित किया गया।

मैच केवल सात मिनट तक चल पाया था कि अपना पहला स्मैश लगाने के बाद तीन बार की वर्ल्ड चैम्यिपन मारिन के दाएं घुटने में चोट लगी। उन्होंने चोट के बावजूद कोर्ट पर वापसी करने की कोशिश की और भारतीय खिलाड़ी के खिलाफ पहले गेम में 10-4 की बढ़त भी बना ली लेकिन वह आगे नहीं खेल पाई।

सायना इस खिताब को जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं।

मैच के बाद उन्होंने कहा, “हम सभी के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण साल है। यह हमारे लिए अच्छा नहीं रहा। वह एक कठिन प्रतिद्वंद्वी है, उन्होंने अच्छी शुरुआत की और आज जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है।”

सायना को भी पिछले साल पैर में चोट भी लगी थी। उन्होंने कहा, “मैं अभी चोट से उबरी हूं। मैंने ये टूर्नामेंट यह देखने के लिए खेल कि मैं कितनी अच्छी हूं और मुझे खुशी है कि मैं मलेशिया में सेमीफाइनल और यहां फाइनल खेलने में कामयाब रही। मैं अगले टूर्नामेंट में खेलने के लिए उत्साहित हूं।”

उन्होंने शनिवार को महिला एकल के सेमीफाइनल में चीन की हे बिंग जियाओ को 18-21, 21-12, 21-18 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था, वहीं मारिन ने अपने सेमीफाइनल मैच में चीन की चेन युफेई को 21-17, 11-21, 21-23 से हराकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई थी।

दूसरी ओर, डेनमार्क के बैडमिंटन खिलाड़ी आंद्रेस एंटोनसेन के लिए भी रविवार का दिन बेहद खास रहा। वह इंडोनेशिया मास्टर्स का खिताब जीतने वाले डेनमार्क के पहले पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं।

पुरुष एकल वर्ग के फाइनल में आंद्रेस ने बड़ा उलटफेर करते हुए वल्र्ड नम्बर-1 केंटो मोमोटा को मात दी।

वल्र्ड नम्बर-20 आंद्रेस ने एक घंटे और 19 मिनटों तक चले संघर्षपूर्ण मुकाबले में मोमोटा को 21-16, 14-21, 21-16 से हराकर खिताबी जीत हासिल की।

आंद्रेस का सामना चौथी बार जापान के खिलाड़ी मोमोटा से हुआ था और उन्हें पहली बार मोमोटा के खिलाफ जीत हासिल हुई है। इससे पहले तीन मैचों में आंद्रेस को हार का सामना करना पड़ा था।

इसके अलावा, इस टूर्नामेंट के महिला युगल वर्ग का खिताब जापान की मिसाकी मात्सुटोमो और अयाका ताकाहाशी की अनुभवी जोड़ी ने जीता लिया है।

मिसाकी और अयाका की जोड़ी ने फाइनल मुकाबले में 40 मिनटों के भीतर दक्षिण कोरिया की किम सो येओंग और कोंग ही योंग की जोड़ी को सीधे गेमों में 21-19, 21-15 से हराकर खिताबी जीत हासिल की।

चीन के झेंग सिवेई और हुआंग याक्वि ओंग की जोड़ी ने इंडोनेशिया के तोनतोवी अहमद एवं लिलीयान नात्सिक की जोड़ी को तीन गेमों तक चले कड़े मुकाबले में 19-21, 21-19, 21-16 से हराकर पुरुष युगल वर्ग का खिताब अपने नाम किया।

मिश्रित युगल वर्ग का खिताब इंडोनेशिया के मार्कस गीडेओन और केविन सुकामुल्जो ने जीता। उन्होंने फाइनल मैच में मोहम्मद अहसान और हेंद्रा सेतियावान की हमवतन जोड़ी को 21-17, 21-11 को हराया।

 

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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