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मुख्य समाचार

बॉयरन ने भारत में लांच की प्री-मेडिकेटेड होम्योपैथिक दवा

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नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)| होम्योपैथी में वैश्विक अग्रणी बॉयरन फ्रांस की अनुषंगी बॉयरन इंडिया ने पहली बार भारत में प्री-मेडिकेटेड मानकीकृत होम्योपैथकि दवाओं को पेश किया है।

यह कदम होम्योपैथी मानकों को बढ़ाएगा और उच्च गुणवत्ता और विश्वसनीय होम्योपैथकि उत्पादों तक मरीज की पहुंच को सुनिश्चित करेगा। प्री-मेडिकेटेड ग्लोब्यूल्स पारंपरिक होम्योपैथी उत्पादों की तुलना में बेहतर गुणवत्ता, सुविधा और अनुभव प्रदान करता है। ग्लोब्यूल्स को दो सप्ताह की लंबी प्रक्रिया और स्वयं की प्रौद्योगिकी के साथ तैयार किया जाता है। इस इन्नोवेटिव वैश्विक उत्पाद को ‘बॉयरन ट्यूब्स’ के नाम से जाना जाता है। बॉयरन ट्यूब्स मरीजों के उपयोग में आसान है और सही मात्रा में आपूर्ति की गारंटी देते हैं।

बॉयरन इंडिया के प्रबंध निदेशक प्रशांत सुराना ने कहा, हम मल्टीडोज ट्यूब्स और सिंगल डोज के रूप में मेडिकेटेड ग्लोब्यूल्स को पेश कर रहे हैं, जो फ्रांस में बने हैं और ये मरीजों को उच्चस्तरीय मानकीकरण और सुविधा प्रदान करते हैं। भारतीय मरीजों और चिकित्सकों को ऐसे उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों से फायदा होगा, जिसमें पुनरुत्पादित परिणामों के साथ साक्ष्य आधारित उत्पादों को शामिल किया गया है। इसी प्रकार के उत्पाद अमेरिका और यूरोप में बहुत अधिक कीमत पर उपलब्ध हैं।

बॉयरन पेटेंटेड प्रक्रिया और प्रौद्योगिकियों का उपयोग करती है जो पारंपरिक विधियों को आधुनिक विज्ञान के साथ मिलाती है ताकि उत्पाद न केवल होम्योपैथिक सिद्धांतों का पालन करें बल्कि उच्च गुणवत्ता वाले मानकों को भी प्रदर्शित करें।

फ्रांस मुख्यालय वाली बॉयरन कंपनी का कहना है कि उसकी उपस्थिति 50 से अधिक देशों में है और बॉयरन उत्पादों का उपयोग 30 करोड़ से अधिक मरीजों द्वारा किया जाता है। कंपनी का दावा है कि पूरी दुनिया में 4 लाख से अधिक स्वस्थ्य पेशेवरों द्वारा इनकी सलाह दी जाती है। 1932 में अपनी स्थापना के बाद से, कंपनी शिक्षा, अनुसंधान, अभिनव प्रौद्योगिकी, गुणवत्ता, मानकीकरण और आसान उपयोग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में होम्योपैथी को बढ़ावा दे रही है।

बॉयरन कंपनी का कहना है कि वह अरबों डॉलर वाली एक अंतर्राष्ट्रीय कंपनी है, जो 2006 से 54 प्रतिशत बिक्री में वृद्धि दर्ज कर रही है। बॉयरन यूरोनेक्स्ट में सूचीबद्ध है और मुख्यरूप से इक्विटी और आंतरिक संसाधनों द्वारा वित्त पोषित है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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