Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

बोस का परिवार बोला- नेताजी से डरते थे नेहरू, जासूसी मामले की एसआईटी जांच हो

Published

on

subhash-chandra-Bose

Loading

कोलकाता। पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा आजादी के 20 वर्ष बाद महान क्रांतिकारी नेता नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्यों की जासूसी कराए जाने का खुलासा होने पर दुख जाहिर करते हुए नेताजी के परिवार के एक प्रमुख सदस्य ने इस मुद्दे पर एसआईटी जांच कराने की मांग की है। बोस के परपोते चंद्र बोस ने स्पष्ट कहा कि जवाहर लाल नेहरू के निर्देश पर यह जासूसी हुई, क्योंकि नेहरू को बोस से डर लगता था। उन्हें डर था कि बोस उनसे बड़े नेता बन सकते थे।

उल्लेखनीय है कि मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है केंद्रीय गृह मंत्रालय की वर्गीकृत फाइलों से यह खुलासा हुआ है कि नेताजी के परिवार को 1948 से 1968 तक सघन निगरानी में रखा गया था। इन 20 वर्षों में कांग्रेस के तीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी सत्ता के शिखर पर रहे। ये बात सामने आने के बाद बोस के परपोते चंद्र बोस ने यह भी आरोप लगाया कि नेताजी की मौत किसी हवाई हादसे में नहीं हुई। चंद्र बोस ने कहा, इस खबर के सामने आने के बाद उन्हें एवं उनके परिवार को गहरा धक्का लगा है। इस केस से संबंधित सारे दस्ताबवेज बाहर आने चाहिए और मामले की एसआईटी जांच होनी चाहिए।

चंद्र कुमार बोस ने मांग की है कि नरेंद्र मोदी सरकार नेताजी और उनके वंश से संबंधित गोपनीय फाइलों को अवर्गीकृत कर दे। चंद्र कुमार बोस ने कहा कि यह दुखद है। यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिससे केवल परिवार जुड़ा है बल्कि इससे पूरा देश जुड़ा है क्योंकि परिवार के कई सदस्य शरत चंद्र बोस से लेकर अमिय नाथ बोस के साथ ही साथ शिशिर कुमार बोस प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी हैं। उन्होंने कहा कि यह समझा जा सकता है कि ब्रिटिश सरकार परिवार की जासूसी करा सकती है क्योंकि इसने साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, लेकिन आजादी के बाद के भारत की केंद्र सरकार ने ऐसा कराया जो कि अत्यंत दुखद है।

उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र, निजी स्वतंत्रता और आजादी की लड़ाई की भावना पर हमला है और देश के साथ धोखा है।” बोस ने कहा कि मोदी सरकार सभी जगह पादर्शिता की बात करती है। यदि वे अपने किए जाने वाले दावों के प्रति सजग हैं तो अभी तक गुप्त रखी गई 160 फाइलों को अवर्गीकृत करने का आदेश जारी करें।

नेशनल

जम्मू कश्मीर के बडगाम में गैर कश्मीरियों पर आतंकी हमला, दो मजदूरों को मारी गोली

Published

on

Loading

जम्मू। जम्मू कश्मीर के बडगाम जिले में आतंकियों ने गैर-कश्मीरी नागरिकों को निशाना बनाया है. घायल दो मजदूर उत्तर प्रदेश के रहने वाले बताए जा रहे हैं. पिछले 30 दिनों में घाटी में गैर-स्थानीय मजदूरों पर यह तीसरा हमला है.

घायल मजदूरों को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मजदूरों को गोली मारी जाने की घटना के बाद पूरे बडगाम इलाके में हड़कंप मच गया. घटनास्थल पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं.

सूत्रों ने बताया, जम्मू और कश्मीर (जेके) के बडगाम जिले में शुक्रवार शाम आतंकवादियों की गोलीबारी में दो गैर-स्थानीय लोग घायल हो गए. दोनों घायलों को तुरंत इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. समय रहते इलाज कर डॉक्टरों ने घायल मजदूरों की जान बचाई. उनके प्रयासों की हर कोई सराहना कर रहा है. उन्होंने बताया कि यह घटना जिले के मगाम इलाके के पास माझामा गांव में हुई.

मिली सूचना के अनुसार, हमले के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और हमलावरों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया. हालांकि आतंकी अभी सुरक्षा बलों की गिरफ्त से बाहर हैं. सुरक्षा बल उनकी तलाश के लिए चप्पे-चप्पे में जुटे हुए हैं. बडगाम के हर इलाके में आतंकियों को लेकर अलर्ट जारी किया गया है.

Continue Reading

Trending