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बोस का परिवार बोला- नेताजी से डरते थे नेहरू, जासूसी मामले की एसआईटी जांच हो
कोलकाता। पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा आजादी के 20 वर्ष बाद महान क्रांतिकारी नेता नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्यों की जासूसी कराए जाने का खुलासा होने पर दुख जाहिर करते हुए नेताजी के परिवार के एक प्रमुख सदस्य ने इस मुद्दे पर एसआईटी जांच कराने की मांग की है। बोस के परपोते चंद्र बोस ने स्पष्ट कहा कि जवाहर लाल नेहरू के निर्देश पर यह जासूसी हुई, क्योंकि नेहरू को बोस से डर लगता था। उन्हें डर था कि बोस उनसे बड़े नेता बन सकते थे।
उल्लेखनीय है कि मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है केंद्रीय गृह मंत्रालय की वर्गीकृत फाइलों से यह खुलासा हुआ है कि नेताजी के परिवार को 1948 से 1968 तक सघन निगरानी में रखा गया था। इन 20 वर्षों में कांग्रेस के तीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी सत्ता के शिखर पर रहे। ये बात सामने आने के बाद बोस के परपोते चंद्र बोस ने यह भी आरोप लगाया कि नेताजी की मौत किसी हवाई हादसे में नहीं हुई। चंद्र बोस ने कहा, इस खबर के सामने आने के बाद उन्हें एवं उनके परिवार को गहरा धक्का लगा है। इस केस से संबंधित सारे दस्ताबवेज बाहर आने चाहिए और मामले की एसआईटी जांच होनी चाहिए।
चंद्र कुमार बोस ने मांग की है कि नरेंद्र मोदी सरकार नेताजी और उनके वंश से संबंधित गोपनीय फाइलों को अवर्गीकृत कर दे। चंद्र कुमार बोस ने कहा कि यह दुखद है। यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिससे केवल परिवार जुड़ा है बल्कि इससे पूरा देश जुड़ा है क्योंकि परिवार के कई सदस्य शरत चंद्र बोस से लेकर अमिय नाथ बोस के साथ ही साथ शिशिर कुमार बोस प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी हैं। उन्होंने कहा कि यह समझा जा सकता है कि ब्रिटिश सरकार परिवार की जासूसी करा सकती है क्योंकि इसने साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, लेकिन आजादी के बाद के भारत की केंद्र सरकार ने ऐसा कराया जो कि अत्यंत दुखद है।
उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र, निजी स्वतंत्रता और आजादी की लड़ाई की भावना पर हमला है और देश के साथ धोखा है।” बोस ने कहा कि मोदी सरकार सभी जगह पादर्शिता की बात करती है। यदि वे अपने किए जाने वाले दावों के प्रति सजग हैं तो अभी तक गुप्त रखी गई 160 फाइलों को अवर्गीकृत करने का आदेश जारी करें।
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केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के
कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।
सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा
पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।
चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट
पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।
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