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ब्रह्मोस का लगातार दूसरा सफल परीक्षण, मारक क्षमता का नहीं कोई मुकाबला
नई दिल्ली। भारतीय सेना ने बुधवार को लगातार दूसरे दिन ब्रह्मोस ब्लॉक3 जमीन आधारित क्रूज मिसाइल का अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में सफल परीक्षण किया। क्रूज मिसाइल का परीक्षण मंगलवार को भी किया गया था। सेना ने कहा कि मिसाइल ने कॉपीबुक तरीके से सभी उड़ान मापदंडों को पूरा करते हुए सटीकता के साथ सफलतापूर्वक लक्ष्य पर हमला किया।
सेना ने कहा, “यह लगातार पांचवां मौका है, जब ब्रह्मोस के ब्लॉक-3 संस्करण का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है और भूमि पर हमला करने के मामले में इसकी श्रेणी के किसी अन्य हथियार ने अभी तक यह अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल नहीं की है।”
रक्षा बयान के मुताबिक, “लगातार सफलतम परीक्षण ने दुर्जेय हथियारों से मार करने की देश की क्षमता को और मजबूत किया है। 2 मई, 2017 को इसी स्थान से लंबी-दूरी तक मार करने वाले सामरिक हथियारों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।”
बयान के मुताबिक, “सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का यह सफलतापूर्वक परीक्षण, मोबाइल ऑटोनॉमस लॉन्चर्स (एमएएल) से पूर्ण परिचालन अवस्था में जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल के रूप में अपनी पूर्ण क्षमता के साथ किया गया।”
बयान में कहा गया, “उच्च स्तर और जटिल युद्धाभ्यासों को आयोजित करते समय कॉपीबुक तरीके से सभी उड़ान मापदंडों को पूरा करते हुए, बहु भूमिका वाली मिसाइल ने जमीन आधारित निर्धारित लक्ष्य पर वांछित सटीकता के साथ सफलतापूर्वक हमला किया। दोनों ही परीक्षणों के दौरान लक्ष्य पर हमले करने के मामले में मिसाइल की सटीकता एक मीटर से भी कम रही।”
सेना के मुताबिक, “वर्ष 2007 में ब्रह्मोस को अपनाने वाली दुनिया की पहली थल सेना की उपलब्धि पाने वाली भारतीय सेना इस दुर्जेय हथियार की कई अन्य श्रेणियों को विकसित कर चुकी है। इस मिसाइल को संयुक्त रूप से भारत के रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के एनपीओएम द्वारा विकसित किया गया है।”
नेशनल
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।
गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।
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