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प्रादेशिक

भगवाकरण का नया एपीसोड शुरू, अब आया साइन बोर्ड का नंबर

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद कई जरूरी बदलाव देखने को मिल रहा है। सीएम ऑफिस, सचिवालय और यूपी की रोडवेज बसों को भगवा रंग में रंगने के बाद अब सडक़ों के किनारे लगे नोटिस बोर्ड को भी भगवा रंग में रंगने की तैयारी हो चुकी है।

जानकारी के मुताबिक लोक निर्माण विभाग ने जो नया प्लान बनाया है उसके तहत सडक़ किनारे लगने वाले साइन बोर्ड, नोटिस बोर्ड अब भगवा रंग के होंगे। जिसका डिजाइन भी तैयार कर लिया गया है। बोर्ड पर जानकारी के साथ-साथ सीएम और डिप्टी सीएम की भी तस्वीर होगी। साइन बोर्ड के ऊपरी हिस्से का रंग भगवा जबकि नीचे का हिस्सा हरे रंग में होगा। इस हरे रंग वाले हिस्से पर ही लोकेशन मैप और जिला मुख्यालय की तरफ जाने वाले मार्ग को दर्शाया जाएगा।

हालांकि राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगे नीले रंग के बोर्ड साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। पीडब्ल्यूडी द्वारा निर्मित सूबे की सभी सडक़ों पर लगे साइन बोर्ड बदले जाएंगे।

यह भी पढ़ें : यूपी का सीएम सचिवालय पुकारे- रंग दे तू मोहे भगवा

बता दें कि लखनऊ में इन दिनों सीएम का ऑफिस भगवा रंग में रंगा जा रहा है। कुछ सरकारी बसें पहले ही भगवा हो चुकी हैं। वैसे यूपी में रंग का सत्ता में रही पार्टियों से गहरा रिश्ता रहा है। मायावती के राज में हर तरफ नीला हो जाता है और समाजवादी पार्टी की सरकार में कहीं हरा तो कहीं लाल। अब बीजेपी सत्ता में आई है तो भगवा चहुंओर नजर आ रहा है।

IANS News

सीएम नायब सिंह सैनी ने देखी ‘द साबरमती रिपोर्ट’, हरियाणा में हुई टैक्स फ्री

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चंडीगढ़। गोधरा कांड पर बनी ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को हरियाणा में टैक्स फ्री कर दिया गया है। सीएम नायब सिंह सैनी व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार रात आईटी पार्क में स्थित डीटी मॉल में ‘द साबरमती रिपोर्ट‘ फिल्म को देखा।

फिल्म देखने के बाद मुख्यमंत्री ने ‘द साबरमती रिपोर्ट‘ फिल्म को हरियाणा में टैक्स फ्री करने की घोषणा की। फिल्म देखने वालों में कई कैबिनेट मंत्री व विधायक भी शामिल थे।

फिल्म देखने के बाद सीएम सैनी ने कहा-यह फिल्म 27 फरवरी 2002 को गोधरा (गुजरात) में हुए साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की घटना पर आधारित है। इसमें घटना की सच्चाई को दिखाया गया है।

फिल्म निर्माता में इस मुद्दे को बहुत ही संवेदनशीलता और गरिमा के साथ बनाई है। इसके साथ ही उन घटनाक्रम की सच्चाई को भी दिखाया है जिससे पूरा देश अनभिज्ञ था। इस फिल्म के माध्यम से 59 निर्दोष पीड़ितों को भी अपनी बात कहने का मौका मिला है।

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