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भाजपा को 2017-18 में अज्ञात स्रोतों से 553 करोड़ रुपये मिले : एडीआर

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 नई दिल्ली, 23 जनवरी (आईएएनएस)| केंद्र की सत्ता में काबिज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2017-18 में अज्ञात स्रोतों से 553 करोड़ रुपये की रकम अर्जित की, जोकि पांच अन्य राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा घोषित कुल अर्जित रकम का चार गुना है।

 यह खुलासा चुनाव पर निगरानी रखने वाली संस्था, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा बुधवार को जारी एक रपट से हुआ है। एडीआर की रपट के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक दलों ने आलोच्य वर्ष में अज्ञात स्रोतों से कुल 689.44 करोड़ रुपये की रकम अर्जित करने की घोषणा की है, जिसमें भाजपा द्वारा अर्जित रकम 553.38 करोड़ रुपये है।

अज्ञात स्रोतों से प्राप्त इस आय का खुलासा आयकर रिटर्न में किया गया है, जिसमें 20,000 रुपये से कम राशि के दान के स्रोत का खुलासा नहीं किया गया है।

इन अज्ञात स्रोतों में चुनावी बांड, कूपन की बिक्री, राहत कोष, विविध आय, ऐच्छिक योगदान के जरिए मिले चंदे और सम्मेलन/मोर्चा से प्राप्त योगदान शामिल हैं। इस तरह के स्वेच्छिक दानदाताओं के ब्योरे सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

रपट में एडीआर ने कहा है, “वर्तमान में राजनीतिक दलों को 20,000 रुपये से कम की रकम दान करने वालों के नाम का खुलासा करने की जरूरत नहीं है। चुनावी बांड के माध्यम से भी दान देने वालों के नाम का भी खुलासा करने की आवश्यकता नहीं है। इस प्रकार, 50 फीसदी से अधिक निधि का पता नहीं चल सकता है, क्योंकि यह रकम अज्ञात स्रोतों से मिली है। राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को जून 2013 में केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा सूचना का अधिकार कानून के दायरे में लाया गया, फिर भी उन्होंने फैसले का अनुपालन नहीं किया है।”

रपट के अनुसार, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को छोड़कर बाकी छह राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की कुल आय 2017-18 में 1,293.05 करोड़ रुपये थी।

अज्ञात दानदाताओं से उन्हें 467.13 करोड़ रुपये की रकम मिली, जोकि उनकी कुल आय का 36 फीसदी है। इन दलों को ज्ञात स्रोतों (परिसंपत्तियों की बिक्री, सदस्यता शुल्क, बैंक से प्राप्त ब्याज, प्रकाशित सामग्री की बिक्री, पार्टी का चंदा) से 136.48 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जोकि उनकी कुल आय का 11 फीसदी है।

राजनीतिक दलों को अज्ञात स्रोतों (आयकर रिटर्न में दर्ज आय जिसका स्रोत मालूम नहीं) से 689.44 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जोकि उनकी कुल आय का 53 फीसदी है। इस आय में 215 करोड़ रुपये यानी 31 फीसदी हिस्सा चुनावी बांड से प्राप्त हुआ है।

भाजपा को, 2017-18 में बाकी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को 20,000 रुपये से अधिक के चंदे से प्राप्त रकम का 93 फीसदी हिस्सा प्राप्त हुआ है।

पिछले 14 सालों में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने अज्ञात स्रोतों से कुल 8,721.14 करोड़ रुपये अर्जित किए हैं।

वर्तमान में सात राष्ट्रीय राजनीतिक दलों में भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), माकपा और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस शामिल हैं।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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